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तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ फार्मेसी ने आईईसी की ओर से अटल इनक्यूबेशन सेंटर की विजिट की

कोलैबोरेशन के तहत बीआईएमटेक के अटल इनक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप्स की समझीं बारीकियां, विजिट का उद्देश्य सफल स्टार्ट अप कंपनियों के नवोन्मेषकर्ताओं के अनुभवों को आत्मसात करना, पैसे के पीछे मत भागो, अपनी लगन, उत्साह और श्रम के साथ आगे बढ़ना होगा, चर्चा के दौरान टीएमयू के छात्रों और शिक्षकों ने अपनी शंकाओं का किया समाधान

ग्रेटर नोएडा। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ फार्मेसी और इंस्टिट्यूट इन्नोवेशन काउंसिल- आईईसी की ओर से टीचर्स और स्टडेंट्स के एक डेलीगेशन ने कोलैबोरेशन के तहत बीआईएमटेक, ग्रेटर नोएडा के अटल इनक्यूबेशन सेंटर का दौरा करके स्टार्टअप्स की बारीकियां समझी। विजिट का उद्देश्य सफल स्टार्ट अप कंपनियों के नवोन्मेषकर्ताओं के अनुभवों को आत्मसात करना है। इस भ्रमण के दौरान बीआईएमटेक, ग्रेटर नोएडा के अटल इनक्यूबेशन सेंटर में ऑपरेशन एसोसिएट श्रीमती अनुसूया रौला, असिस्टेन्ट मैनेजर श्री मृणाल ठाकुर, डिप्टी मैनेजर श्री दीक्षा राय और स्टार्टअप उद्यमी केशव झा ने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों के संग स्टार्टअप्स की अब तक की विकास यात्रा से अपडेट किया। उन्होंने भविष्य में दोनों संस्थाएं की ओर से विभिन्न योजनाओं पर मिलकर काम करने के तौर तरीकों पर गहनता से चर्चा की। इससे पूर्व टीएमयू, आईईसी कन्वीनर डॉ. गीतांशु डाबर ने बीआईएमटेक के प्रतिनिधियों को तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से बुके भेंट की। प्रतिनिधिमंडल के नोएडा रवाना होने से पूर्व फार्मेसी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनुराग वर्मा ने उम्मीद जताई, यह विजिट टीएमयूआईईसी के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
असिस्टेन्ट मैनेजर मृणाल ठाकुर ने इन्नोवेशन को लेकर कहा, बीआईएमटेक में खोज, प्रारंभ, गुरुकुल और उड़ान जैसे चार पायदान हैं। इन पर वह स्टार्टअप या आइडियाज को बिजनेस की तरफ ले जाने के लिए इच्छुक छात्रों/व्यक्तियों को सहयोग प्रदान करते हैं, जिनकी समयावधि अलग-अलग है। केबीसीडी, भारत एआई और औरासॉफ्ट जैसे स्टार्टअप चलाने वाले केशव झा ने बताया कि ईमानदारी, काम के प्रति लगन, समर्पण हो तो लक्ष्य हासिल होता है। पैसे के पीछे मत भागो, अपनी लगन, उत्साह और श्रम के साथ एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ते हो तो आपको सरकारी अनुदान, बिजनेस पर्सन और उद्यमियों से अनुदान आसानी से प्राप्त हो जाता है। उन्होंने बताया, सकारात्मक सोच, सेंस ऑफ़ ओनरशिप और एक खुशनुमा सकारात्मक पारिस्थितिक तंत्र के साथ यदि आपके सोचने और परीक्षणों पर ध्यान देने के प्रति आपकी अदभुत क्षमता है तो आप निश्चित तौर पर अपने आइडिया को स्टार्टअप के माध्यम से एक अच्छे बिजनेस के रूप में खड़ा कर सकते हैं। चर्चा के दौरान तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने अपनी शंकाओं का समाधान किया।
उल्लेखनीय है, बीआईएमटेक सरकार की विभिन्न योजनाओं को साथ में लेकर स्टार्टअप और इन्नोवेटिव/नवोन्मेष करने वाली कंपनियों को सहयोग करके आगे बढ़ रहा है। बीआईएमटेक की ग्रामीण क्षेत्रों और परिवेश के लिए- अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर- एसीआईसी, लैब, स्कूल और अन्य विद्यालयों के लिए अटल टिंकरिंग लैब और स्टार्टअप की मदद करने के लिए अटल इक्यूबेशन सेंटर- एआईसी विशेष योजनाएं है। ये योजनाएं स्टार्टअप कंपनियों को मार्केटिंग और फाइनेंशियल सहयोग प्रदान करके ऐसे पारिस्थितिक तंत्र सिस्टम को तैयार करते हैं, जो उनके आइडियाज को औद्योगिक तरीके और बिजनेस में आगे बढ़ाने के हिसाब से सहयोग करता है। विजिट करने वालों में डॉ. मुकेश सिकरवार, डॉ. मयूर पोरवाल, आशीष सिंघई, डॉ. मिथुल, डॉ. शिवानी के संग-संग स्टुडेंट्स- ओंकार, प्रखर, आकाश, नितिन और प्रद्युमन आदि शामिल रहे।

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