लखनऊ। असीम अरुण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के अनूसूचित जाति एवं जनजाति समर्थन की सूची के उप वर्गीकरण को उत्तर प्रदेश में लागू कराने और उसके समर्थन में चंदन लाल वाल्मीकि ने ज्ञापन सौंपा।
वंचित शोषित सामाजिक संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चन्दन लाल वाल्मीकि के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग असीम अरुण से भागेदारी भवन में मिला।
परिसंघ द्वारा दिए ज्ञापन कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति आरक्षण के अंतर्गत उपजातियां का वर्गीकरण को पृथक आरक्षण दिए जाने को उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को वैधानिक मान्यता दिए जाने का निर्णय ऐतिहासिक और स्वागत योग्य है।
इस निर्णय के उत्तर प्रदेश में लागू होने से समाज के अंतिम व्यक्ति मैला उठाने वाले वाल्मीकि समाज और स्वच्छकार समाज की अन्य उपजातियां हेला, धानुक सुदर्शन, डोम, डुमार, लालबेगी, बांसफॉर, बसोर, नट, कंजर, बहेलिया, हाबूड़ा, आदि जातियों के लिए आरक्षण का लाभ शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक क्षेत्र मिलेगा।
ज्ञातव्य रहे कि भाजपा की सरकार ने 2001 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह जी ने सामाजिक न्याय कमेटी का गठन करके अति दलित और अति पिछड़ों को पृथक आरक्षण लागू किया था। असीम अरुण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार ने कहा इस विषय में सरकार जल्द फैसला लेने के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी। प्रतिनिधि मंडल में दिनेश चंद्रा प्रदेश अध्यक्ष अवध क्षेत्र, कुंवर विकेंस प्रदेश अध्यक्ष युवा विंग उत्तर प्रदेश अवध, राम कुमार बागी, जगदीश अटल, आयुष्मान मौजूद रहे।