Homeबदायूं14 अगस्त भारत के इतिहास का दुर्भाग्यशाली दिन - बीएल वर्मा

14 अगस्त भारत के इतिहास का दुर्भाग्यशाली दिन – बीएल वर्मा

विभाजन विभीषिका में देश का ही नहीं, दिलों का भी बंटवारा हुआ – राजीव कुमार गुप्ता

बदायूँ। 14 अगस्त को देश के बंटवारे की घटना की स्मृति में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर बदायूँ क्लब बदायूँ में प्रदर्शनी का उद्घाटन व अवलोकन और गोष्ठी का आयोजन किया गया तथा बदायूँ क्लब से परशुराम चौक तक मौन जुलूस निकालकर विभाजन के अवसर पर जान गवाने वाले लोगों का स्मरण किया।
मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों एवं भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर याद किया जाता है।
 उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को भारत का विभाजन हुआ था। यह भारत के इतिहास का एक दुर्भाग्यशाली दिन है। यह भारत के संघर्ष और बलिदान का दिन है। अखंड भारत की आजादी के इतिहास में ये घटना रक्तरंजित हो गई थी। यह दिन भारत के संघर्ष और बलिदान का दिन है। इस दिन लाखों लोग अपने मूल स्थान से विस्थापित हुए थे। उनके साथ यातनपूर्ण व्यवहार हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसलिए विभाजन विभीषिका दिवस मनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन भारत के इतिहास में वह काला दिन बना हैं, जब एक अखंड देश के रूप में सांस्कृतिक भारत दो हिस्सों विभाजित हो गया। उन्होंने कहा इससे देश में एकता, सद्भाव और देश प्रेम की भावना जगती है, विस्थापित परिवारों द्वारा जीवन-यापन के लिए किए गए संघर्ष से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।
भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने कहा आज के दिन को कोई कैसे भूल सकता है। एक तरफ 14 अगस्त 1947 को अंग्रेजों के गुलामी से आजादी मिल रही थी तो दूसरी ओर धर्म के नाम पर भारत के दो टुकड़े हो रहे थे। यह विभाजन भारत के लिए किसी विभीषिका से कम नहीं थी। इसका दर्द आज भी देश को झेलना पड़ रहा है। अंग्रेजों ने पाकिस्तान को 1947 में भारत से अलग कर एक मुस्लिम देश के रूप में मान्यता दी थी और पाकिस्तान अस्तित्व में आया।
उन्होंने कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विभीषिका को भारतीय इतिहास में न भूले जाने वाली घटना बताते हुए विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का आह्वान किया है।
सदर विधायक महेश चन्द्र गुप्ता ने कहा विभाजन में न केवल भारतीय उपमहाद्वीप के दो टुकड़े किए गए बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया। बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया। 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना। आज जब हम स्वतंत्रता के अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं और पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव, धूमधाम से मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तब यह एक दुखद सच्चाई है कि पिछले 75 वर्षों में वक्त से जुड़े घाव भले ही भर गए हों, मगर निशान अभी कायम हैं। यह ऐसा निशान है जो भारत को स्वतंत्रता बाद से ही दुःख दे रहा है। कभी आक्रमण के द्वारा तो कभी भारत के अंदर आंतकवाद का वित्त पोषण करके भारत के साथ पाकिस्तान ने कारगिल तक चार युद्ध लडे और हर बार मुंह की खाई लेकिन इसके बाद भी पकिस्तान भारत के खिलाफ आज भी खड़ा है। भारत के अंदर पाकिस्तान ड्रग्स और आतंकवाद को पोषण दे रहा है।
मेघराज सपड़ा,वीरेंद्र धींगड़ा, पंजाबी सेवा समिति के अध्यक्ष अशोक नारंग, अविनाशी लाल ने भी अपने विचार व्यक्त कियें।
इस अवसर पर हरिशरण कपूर, सुमन कपूर, अविनाशी लाल, अशोक नारंग, वीरेंद्र धींगड़ा, मेघराज सपड़ा, ओमप्रकाश अरोड़ा को भारत विभाजन का दंश सहने पर अंग वस्त्र व माला पहनाकर सम्मानित किया गया। संचालन जिला महामंत्री सुधीर श्रीवास्तव ने किया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, डीसीबी चेयरमैन जेके सक्सेना, पूर्व चेयरमैन दीपमाला गोयल, अशोक भारती, राणा प्रताप सिंह, मनोज   कृष्ण गुप्ता, बदायूँ क्लब के सचिव अक्षत अशेष, शिशुपाल शाक्य, नेकपाल कश्यप, सोवरन राजपूत, अनेकपाल पटेल, वीरेंद्र राजपूत, एमपी सिंह राजपूत, धीरज पटेल आदि उपस्थित रहे।

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