बिना बात के जबरन हर बार जब मुख्यमंत्री किसी जनपद में जाते हैं तो वहां की महिलाओं को करते हैं हाउस अरेस्ट
लखनऊ /अंबेडकरनगर। आशा एवं आशा संगिनी कार्यकत्री सेवा समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष को अंबेडकर नगर में उनके घर पर एक बार फिर से हाउस अरेस्ट कर गया। मुख्यमंत्री आज अंबेडकरनगर में है वहां पर रोजगार मेला का आयोजन किया गया है लेकिन वहां पर आशा एवं आशा संगिनी कार्यकत्री सेवा समित की राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पा तिवारी को एक बार फिर से पुलिस ने उनके घर पर ही कैद करने का काम किया है।
एक तरफ तो मुख्यमंत्री बड़े-बड़े मंचों से महिला सशक्तिकरण,आधी आबादी और महिला सुरक्षा की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ इस सरकार के अधिकारी महिलाओं के साथ में ऐसा दुर्भावना पूर्ण व्यवहार करते हैं। सरकार के अधिकारी महिलाओं से इतना डरते क्यों हैं कि वह महिलाओं को उनके घर पर ही कैद कर देती है। क्या महिलाओं को यह अधिकारी अपराधी, आतंकवादी मानती है. हर बार महिलाओं के साथ में ऐसा व्यवहार क्यों किया जाता है? या तो अधिकारी इस गिरफ्तारी का कारण बताएं नहीं तो अब महिलाएं शांत नहीं बैठेंगे और सरकार को हर स्तर पर घेरने का काम करेंगे। सिर्फ महिलाओं का वोट पाने के लिए महिलाओं के ऊपर राजनीति करने का काम यह सरकार कर रही है।
महिलाओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता यह हर मंच से चाहे 15 अगस्त का पावन पर्व हो या विधानसभा की कार्रवाई हो, सरकार का महिलाओं के प्रति प्रेम भावना दिखती है लेकिन जब वह मूर्त रूप में आने की बात होती है तो यह महिलाओं के प्रति उनकी असंवेदनशीलता भी दिखती है महिलाओं को हाउस अरेस्ट कर देते हैं।
ऐसी कौन से अधिकारी हैं जो मुख्यमंत्री की योजनाओं के खिलाफ जाकर महिलाओं के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करने की कवायत करते हैं? रक्षाबंधन के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री से 5 मिनट का समय मागती हैं, पत्र और ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी मुख्यमंत्री के पास भेजने का काम किया जाता है लेकिन ऐसा लगता है कि अधिकारी इस जानकारी को मुख्यमंत्री तक पहुंचने नहीं देते हैं। क्योंकि हम बहनों को यह पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री महिलाओं की इस विनती को कभी ठुकरा नहीं सकते हैं,और यदि मुख्यमंत्री तक यह सूचना पहुंच गई है।वह समय नहीं दे रहे हैं तो सरकार को महिलाओं के प्रति अपनी झूठ-मोठ का प्रेम दिखाना बंद करना चाहिए और जो असलियत है वह सामने रखनी चाहिए।