Homeलखनऊखोयी हुयी विरासत को संजोए रखने की अनूठी पहल

खोयी हुयी विरासत को संजोए रखने की अनूठी पहल

लखनऊ। केंद्रीय सिंह सभा गुरद्वारा आलमबाग के भाई जसबीर सिंह खालसा हाल में पिछले दो हफ्ते से हर रविवार को संचालित चढ़दी कला क्लासेज में जहां बच्चों को अपने धर्म और विरासत के साथ जोड़ने के लिए नए नए कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं वही बच्चों को अपने देश की संस्कृति से जोड़ने का भी प्रयत्न किया जा रहा है।
इसी दौरान आज 25 अगस्त को गुरद्वारे के प्रांगण में एक विशेष आयोजन किया गया जिसमे बच्चों को अपनी सरजमीं की मिटटी से जोड़े रखने की अनूठी पहल की गयी। जहाँ पहले लोग अपने रसोई घर में ताम्बे और मिटटी से बने बर्तनो का अधिक उपयोग करते थे और आज के मुक़ाबले अधिक स्वस्थ रहते हुए अपनी लम्बी उम्र भोगते थे वहीँ रसोई घर में आज ये जगह स्टील और प्लास्टिक ने ले ली और विभिन बिमारियों को जन्म दिया।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज विशेष तौर पर कुम्हार को बुला कर सभी बच्चों को मिटटी के खिलोने, बर्तन आदि बनाने की कला सिखाई गयी तो वही इसके फायदे भी बताये गए। इस मौके पर बच्चों ने अपने नन्हे हाथों से दीपक, गुल्लक, बर्तन, खिलोने आदि बनाये और प्रसन मुद्रा में इन खुशनुमा पलों का आनंद उठाया।
सभा के महासचिव रतपाल सिंह ने बताया की बच्चों को अकादमिक, धार्मिक शिक्षा के साथ साथ अपने ग़ौरवमयी संस्कृति से भी जुड़े रहना चाहिए जिससे की हम अपने देश की लुप्त होती हुयी संस्कृति को भी जिन्दा रख सकें। मीडिया प्रभारी हरजीत सिंह ने कहा गुरद्वारा आलमबाग की कोशिश रहेगी की आगे भी इस तरह के आयोजन समय समय पर होते रहें।
केंद्रीय सिंह सभा आलमबाग के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने आये हुए सभी लोगों का धन्यवाद् करते हुए बच्चों को पुरुस्कार वितरण किया, व कार्यक्रम के अंत में गटके की कक्षाओं के सञ्चालन हेतु स्वीकृति दी गयी।

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