लखनऊ। प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम से आच्छादित 74 उद्योगों, 50 से अधिक श्रमिको को नियोजित करने वाले अभियंत्रण उद्योग, डिस्टलरी , कांच और बीड़ी उद्योग के श्रमिकों का वेतन पुनरीक्षण में प्रदेश सरकार और श्रम विभाग द्वारा किए जा रहे विलम्ब के खिलाफ हिंद मज़दूर सभा शीघ्र ही प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगी। ये निर्णय आज हिंद मजदूर सभा के राज्य कार्यालय में प्रदेश महामंत्री उमा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों की बैठक में लिया गया।
हिंद मजदूर सभा के प्रांतीय मंत्री अविनाश पांडेय ने बताया कि राज्य के अनुसूचित 74 नियोजनो में मजदूरों की मजदूरी की दरें 2014 से पुनरीक्षित नही की गई है, जबकि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार 5 वर्ष के अंतराल पर मजदूरी का पुनरीक्षण हो जाना चाहिए। 50 से 500, और 500 से अधिक श्रमिको को नियोजित करने वाले अभियंत्रण उद्योग, तथा होटल उद्योग के मजदूरी की दरे सितंबर 2016 में जारी अधिसूचना द्वारा पुनरीक्षित हुई थी, जो की 1 जनवरी 2014 से पांच सालों के लिए लागू थी।
जनवरी 2019 में इनका वेतन पुनरीक्षित हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक कमेटी तक नही बनी है। इसी प्रकार बीड़ी, कालीन, कांच, इंटा भट्ठा आदि के मजदूरों की मजदूरी भी एक दशक से पुनरीक्षित नही हुई है, जबकि समय मजदूरी की दरों का पुनरीक्षण करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
हिंद मजदूर सभा ने निर्णय लिया है की राज्य सरकार को नोटिस देकर HMS अकेले तथा अन्य संगठनों को साथ लेकर सड़क पर आंदोलन छेड़ेगी और जरूरत पड़ी तो हड़ताल का आह्वान के साथ साथ अदालत का दरवाजा भी खटखटाएगी।
बैठक को यू पी स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन के महामंत्री राजा राम यादव, एच एम एस के प्रदेश संगठन मंत्री पीयूष मिश्रा, असंगठित मजदूर सभा के मंत्री अरविंद सिंह राठौर, ईंट भट्ठा कर्मचारी सभा के फूल चंद्र, और उत्तर प्रदेश चीनी मिल मज़दूर फेडरेशन के महामंत्री विद्याकांत तिवारी, चर्म उद्योग कर्मचारी सभा के राम दत्त, होटल एंड रेस्टोरेंट कर्मचारी यूनियन के अनूप मिश्रा, यूपी ड्रिंक एंड फूड्स कर्मचारी सभा के राघवेन्द्र सिंह सहित विभिन्न उद्योगों के श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।