कई बिन्दुओं पर बनी सहमति
लखनऊ। पेंशनर्स के 12 सूत्रीय मांग-पत्र पर आज वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना से उनके विधानसभा सचिवालय स्थित कक्ष में पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल की पूर्व निर्धारित वार्ता हुई। प्रतिनिधि मंडल में संगठन के संरक्षक एस0पी0 सिंह, अध्यक्ष अमरनाथ यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा, महामंत्री ओपी त्रिपाठी एवं सदस्य नरेन्द्र प्रताप सिंह शामिल रहे। वार्ता का विवरण देते हुये संगठन प्रतिनिधियों ने बताया कि वित्त मंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की बातें ध्यानपूर्वक सुनी।
प्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि 40 प्रतिशत राशिकृत पेंशन की भरपाई 10 साल में हो जाती है, परन्तु 15 साल तक रिकवरी की जाती है। मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद के स्थगन आदेश पर पेटीशनर्स की 11 साल के ऊपर की रिकवरी पर वित्त विभाग रोक लगाने का आदेश कर रहा है। संगठन की मांग है कि वित्त विभाग सामान्य शासनादेश जारी कर दें तो सभी पेंशनर्स को राहत मिले। इस पर उन्होंने सकारात्मक विचार करने को कहा।
एनपीएस से आच्छादित सेवानिवृत्त कर्मचारी को स्वास्थ्य कार्ड जारी करने पर वह पूर्णतः सहमत हुये और वार्ता के दौरान ही स्वास्थ्य मंत्री से फोन पर इस सम्बन्ध में बात भी किया। सभी पेंशनर्स/पारिवारिक पेंशनर्स की पेंशन का पुनरीक्षण वर्ष 2017 के शासनादेशानुसार प्रकल्पित वेतन पुनरीक्षण के आधार पर किये जाने, कैशलेश इलाज एवं चिकित्सा प्रतिपूर्ति की कठिनाइयों, प्राइवेट इलाज में अनिवार्यता प्रमाण-पत्र व एक माह में सूचना की अनिवार्यता, प्रत्येक वर्ष 17 दिसम्बर को पेंशनर्स दिवस पर उठाये गये बिन्दुओं के निस्तारण, पेंशनर सलाहकार समिति की नियमित बैठकें आदि की समीक्षा कराये जाने का मुद्दा संगठन ने उठाया जिस पर उनका रुख सकारात्मक रहा और इसके लिये व्यवस्था कराने की बात कही।
ओ0पी0एस0 की बहाली, 18 माह के फ्रीज्ड डी0ए0/डी0आर0 का एरियर एवं 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पर पेंशनर्स को क्रमशः 5, 10, 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि पर कहा कि भारत सरकार के निर्णय के बाद देखेंगे। उन्होंने संगठन के ज्ञापन के सभी बिन्दुओं का परीक्षण कर प्रस्तुत करने/वार्ता करने के लिखित निर्देश वित्त सचिव संजीव सिंह को दिये।