अधिकारियों को दिए त्वरित निस्तारण के निर्देश
लखनऊ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने सोमवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में विभागीय कार्यों की व्यापक समीक्षा की। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम.पी. अग्रवाल, विशेष सचिव शिपू गिरी, गिरिजेश त्यागी, निदेशक उच्च शिक्षा प्रयागराज डॉ. अमित भारद्वाज सहित विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभागीय कार्यों की प्रगति का आकलन करना और लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करना था।
मंत्री उपाध्याय ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि उच्च शिक्षा विभाग में प्राप्त सभी प्रकरणों और संदर्भों का निस्तारण त्वरित और निर्धारित समयसीमा के भीतर किया जाए। उन्होंने कहा कि छात्रहितों और शैक्षिक सुधारों से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की देरी अस्वीकार्य है, और सभी लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाना चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि की गई कार्यवाही की जानकारी समयबद्ध रूप से संबंधित अधिकारियों और मंत्री कार्यालय को दी जाए, ताकि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बनाए रखा जा सके। बैठक में यह भी जोर दिया गया कि विभागीय प्रक्रियाओं में सुधार लाकर कार्यों को और अधिक सुचारू रूप से संचालित किया जाए।
बैठक के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों से फीडबैक लेते हुए आवश्यक सुझावों को अमल में लाने पर भी बल दिया। उन्होंने विभागीय कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी अधिकारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करने की अपील की।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मंत्री उपाध्याय को आश्वासन दिया कि उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी और विभागीय कार्यों में गुणवत्ता और गति को सुनिश्चित किया जाएगा। मंत्री उपाध्याय ने अंत में कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए सभी स्तरों पर सक्रियता और समर्पण आवश्यक है, और प्रदेश की सरकार इस दिशा में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी।