तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से साइबर सिक्योरिटी एज ए करियर: आईटी वर्सेज ओटी पाथवे पर आयोजित लीडरशिप टॉक सीरीज सेंशन-08 में राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी- गांधीनगर, गुजरात के एडजंक्ट प्रोफेसर एंड ग्लोबल सर्विसेज़ व्हाइजेक टेक्नोलॉजीज़ प्रा.लि. के हेड कर्नल (डॉ.) मिलन पटनायक छात्रों से हुए रूबरू
मुरादाबाद। राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी- गांधीनगर, गुजरात के एडजंक्ट प्रोफेसर एंड ग्लोबल सर्विसेज़ व्हाइजेक टेक्नोलॉजीज़ प्रा.लि. के हेड कर्नल (डॉ.) मिलन पटनायक बोले, देश में साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनर्स की कमी है, इसीलिए युवाओं के लिए इस क्षेत्र में करियर की असीम और स्वर्णिम संभावनाएं हैं। साइबर सुरक्षा ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरूआत स्कूल स्तर से ही होनी चाहिए। कर्नल पटनायक बोले, कम्प्यूटर साइंस, एमबीए, बीबीए, बीए आदि कोर्सेज़ के संग भी साइबर सिक्योरिटी के प्रोग्राम चलाए जा सकते हैं। हमें साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक होना अनिवार्य है। कर्नल पटनायक तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की ओर से साइबर सिक्योरिटी एज ए करियर: आईटी वर्सेज ओटी पाथवे पर आयोजित लीडरशिप टॉक सीरीज सेंशन-08 में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पहले कर्नल (डॉ.) मिलन, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, टिमिट के निदेशक प्रो. विपिन जैन, एग्रीकल्चर के डीन प्रो. प्रवीण जैन आदि ने ऑडी में मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके लीडरशिप टॉक सीरीज सेंशन-08 का शुभारम्भ किया। डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने स्वागत भाषण, जबकि प्रो. विपिन जैन ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। टॉक सीरीज में मुख्य वक्ता को बुके देकर स्वागत किया गया।
कर्नल पटनायक बोले, गवर्मेंट, सेना, एयरोस्पेस, हैल्थकेयर आदि सेक्टर्स साइबर अपराध के मुख्य टारगेट हैं। साइबर अपराधी डार्कवेब से टारगेट क्षेत्र के डाटा को प्राप्त कर लेते हैं और साइबर अपराध को अंजाम देते हैं। उदाहरण के तौर पर एक देश दूसरे देश की मेडिकल हिस्ट्री का डेटा प्राप्त करके उस देश के हैल्थ स्टेट्स को जान सकता है। इस डाटा का प्रयोग करके वह सिविल वॉर या युद्ध जैसे हालात भी बना सकते हैं। डॉ. पटनायक ने डाटा की चोरी को रोकने पर भी विस्तार से चर्चा की । उन्होंने ओटी बनाम आईटी डिवाइसेज पर बोलते हुए बताया, आईटी डिवाइसज़ के डाटा को लेकर हम ज्यादा फिकरमंद रहते हैं, लेकिन ओटी डिवाइसेज़ को साइबर क्राइम से बचाना ज्यादा जरूरी है। ओटी डिवाइसेज़ को साइबर क्राइम से बचाने में आने वाली चुनौतियों पर भी गहनता से प्रकाश डाला। अंत में स्मृति चिन्ह देकर मुख्य वक्ता को सम्मानित किया गया। राष्ट्रगान के संग टॉक सीरीज का समापन हुआ। कार्यक्रम में फैकल्टीज़- डॉ. अभिषेक, मिस आरती चौधरी, मिस सिमरन सिंह, श्री राजेश कुमार, मिस अंशिका श्रीवास्तव, मिस अपूर्वा, श्री आकाश चौहान, श्री ब्रजपाल सिंह रावत, मिस कुसुम के संग-संग डेंटल, पैरामेडिकल, नर्सिंग, एग्रीकल्चर, फार्मेसी, फाइन आर्ट्स कॉलेज के 300 से अधिक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन असिस्टेंट डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ. नेहा आनन्द ने किया।