बदायूँ। परियोजना अधिकारी यूपीनेडा प्रणव कुमार पाठक ने बताया कि एमएनआरई भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) घटक सी-2 योजनान्तर्गत पृथक कृषक कृषि फीडर्स का सोलराइजेशन किया जाना है। योजनान्तर्गत पृथक कृषि फीडरों के सौर ऊर्जीकरण हेतु यूपीनेडा द्वारा यूपीपीसीएल से प्राप्त सब स्टेशनो/फीडरों की सूची के सापेक्ष प्रदेश में 36 जनपदों के 942 सबस्टेशनों पर कुल 3205 मेगावाट क्षमता की सौर पावर परियोजना की स्थापना हेतु निविदा की कार्यवाही यूपीनेडा में प्रक्रियाधीन है।
योजना के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश इस प्रकार है कि योजनान्तर्गत चिन्हित सबस्टेशन के निकटस्थ 05 किलोमीटर के परिधि में प्रस्तावित क्षमता के सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना करायी जायेगी। सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना हेतु चिन्हित सबस्टेशन के निकटस्थ लगभग 04 एकड़ प्रति मेगावाट भूमि की आवश्यकता होगी। सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना हेतु एमएनआरई, भारत सरकार द्वारा प्रति मेगावाट रू. 1.05 करोड़ केन्द्रीय अनुदान तथा राज्य सरकार द्वारा प्रति मेगावाट 50.00 लाख अनुदान, इस प्रकार कुल रू. 1.56 करोड़ प्रति मेगावाट अनुदान दिये जाने का प्राविधान है।
योजनान्तर्गत निविदा में इच्छुक कृषक/कृषक समूह/पंचायत/सहकारिता/कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) एवं परियोजना विकासकर्ता द्वारा प्रतिभाग किया जा सकता है। योजनान्तर्गत चिन्हित सबस्टेशन के 05 किलोमीटर के निकटस्थ कृषकों की निजी भूमि चयनित सौर पावर परियोजना विकासकर्ता को 27 वर्ष हेतु अनुमानित रू. 50000 हजार प्रति एकड़ प्रतिवर्ष लीज रेंट पर भूमि दी जा सकती है. जिससे कृषकों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
इच्छुक कृषकों द्वारा अपनी भूमि लीज पर देने हेतु यूपीनेडा द्वारा विकसित पोर्टल https://upnedakusumc2.in पर निःशुल्क आवेदन किया जा सकता है। योजनान्तर्गत स्थापित किये जाने वाले सोलर पावर प्लाण्ट से उत्पादित ऊर्जा को उ०प्र० पावर कारपोरेशन लि० द्वारा 25 वर्षों हेतु निर्धारित दर पर कय किया जायेगा। जनपद बदायूँ हेतु 16 सबस्टेशन नामित किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि तहसील सदर के सबस्टेशन अल्लापुर में 5.0 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 20 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। इसी प्रकार बिल्सी के बिल्सी (आर) में 9.1 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 36.3 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। बिल्सी के बिल्सी (टी) में 2.5 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 10.9 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। दातागंज के दातागंज(आर) में 2.5 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 10.1 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। सदर के गुलड़िया में 7.6 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 30.2 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। सदर के ककराला में 3.4 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 13.5 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। बिल्सी के नागरजूना में 5.7 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 22.7 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। सदर के सखानूं में 5.3 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 21.2 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। दातागंज के उसहैत में 6 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 23.8 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। बिसौली के आसफपुर में 8.9 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 25.7 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। बिसौली के बिसौली में 6.9 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 27.4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। बिल्सी के इस्लामनगर में 8.6 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 34.2 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। बिसौली के मुढ़िया में 4.2 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 16.7 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। सहसवान के दहगवां में 4.9 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 19.7 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। सहसवान के जरीफनगर में 4 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 16 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी तथा सदर के ढाकवाली ज्यारत में 3.7 मे०वाट के सोलर प्लान्ट की क्षमता के लिए 14.9 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी।