बेटी के विवाह से पूर्व कर्ज में डूबे गरीब पिता ने दी जान, शाहजहांपुर पुलिस के मानवीय पहलू की चाहूं ओर हो रही सराहना
शाहजहांपुर। यूपी के जनपद शाहजहांपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें अपनी पुत्री के विवाह से पहले कर्ज में डूबे गरीब पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बेटी के विवाह की तारीख तय हो जाने के बाद भी पिता नहीं कर पाया था पैसे का इंतजाम।
घटना के मूल कारण की जानकारी मिलने पर थाना अध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने कन्या के विवाह का पूरा जिम्मा अपने सर ले लिया। और बारात को नियत समय पर ही आने का न्योता दे दिया इसने काम की जानकारी जब पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर अशोक कुमार मीणा को हुई तो उन्होंने भी इस नेक काम में पहल करते हुए अपने स्टाफ समेत कन्यादान का बीड़ा उठा लिया।
थाने के स्टाफ ने जहां एक ओर एक-एक बराती को खाना खिलवाया। तो वही पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर अशोक कुमार मीणा, सीओ सदर अमित चौरसिया और सीओ यातायात बीएस वीर कुमार थाना अध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने पिता का फर्ज निभाया। व कन्यादान कर वर-वधू को सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए आशीर्वाद दिया।
जानकारी के मुताबिक दिनांक 16 अप्रैल 2024 को शाहजहांपुर के कमलनैनपुर निवासी रामआसरे का शव फंदे से लटका मिला था। गरीबी की मार झेल रहे रामाआसरे खेती व ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे उनके ऊपर बैंक का कर्ज था। उनकी बेटी महिमा की शादी भी तय हो चुकी थी, ऐसे समय में गरीब पिता अपनी बेटी के विवाह के लिए रुपयों का इंतजाम नहीं कर पाया । जिसके चलते कर्ज में डूबे हुए एक गरीब पिता ने मौत को गले लगा लिया इस घटना की जानकारी जब थाना अध्यक्ष कांट दयाशंकर सिंह को हुई तो उन्होंने तो बेटी की शादी का पूरा जिम्मा उठा लिया।
नेक हृदय एसपी अशोक कुमार मीणा ने भी इस नेक कार्य को कराने में कोई कसर नहीं रखने को निर्देशित दिया। इंस्पेक्टर ने शादी की तैयारी कराई। मैरिज लॉन से लेकर उपहार आदि का इंतजाम कराया। बृहस्पतिवार की शाम को कांट-जलालाबाद रोड पर स्थित मैरिज लॉन में जलालाबाद के एत्मादपुर से मनोज कुमार दूल्हा बैंड-बाजे के साथ बरात लेकर पहुंचे। जहाँ पुलिस ने घराती बनकर परिजनों के साथ बरातियों का आदर सत्कार किया। पुलिस ने चार सौ से अधिक लोगों के खाने की व्यवस्था की थी।
थाने के स्टाफ ने एक-एक बराती को खाना खिलवाया। एसपी अशोक कुमार मीणा, सीओ सदर अमित चौरसिया और सीओ यातायात बीएस वीर कुमार कन्या के विवाह में मौजूद रहे। उन्होंने अपने सामने कन्यादान कराया, साथ ही वर-वधू को सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए आशीर्वाद दिया। एक गरीब पिता का सपना पूरा हुआ इस वक्त सभी की आंखें नम थी।