बदायूँ। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विकास विभाग बदायूँ द्वारा वृहद वृक्षारोपण कार्यकम के अन्तर्गत मुख्यमन्त्री के निर्देशानुसार सहजन के पौधे लगाये गये हैं। सहजन के पौधे सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविकाओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा लगाये गये हैं।
उन्होंने बताया कि जनपद के 2940 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर लगभग 10,000 सहजन के पौधे लगाये गये हैं। सहजन के फल, फूल, पत्ते, छाल सभी अंग मानव स्वास्थ्य के लिए और विशेषकर गर्भवती/धात्री और किशोरी बालिकाओं के लिए लाभदायक हैं। सहजन के सेवन से शरीर में खून की कमी नही होने पाती है और एनीमिया रोग से बचाव होता है। सहजन में दही से भी अधिक दो गुना प्रोटीन होता है और गाजर से भी चार गुना अधिक विटामिन ’ए’ होता है। सहजन में दूध से भी अधिक चार गुना अधिक कैल्शियम और संतरे से भी सात गुना अधिक विटामिन ’सी’ होता है। सहजन में कोलेस्ट्रॉल नही होता है। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इसी उद्देश्य से सहजन के पौधे लगाये जा रहे हैं कि भविष्य में गर्भवती/धात्री महिलाएं, किशोरी बालिकाएं और आमजन इसका प्रयोग करेंगे और इसका स्वास्थ्य लाभ होगा। वास्तव में सहजन ताकत के दवा की तरह लाभदायी है।