तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीसीएसआईटी की रिसर्च कमेटी-सीआरसी की ओर से बेसिक एण्ड एडवासंड रिसर्च टूल्स को लेकर दो दिनी वर्कशॉप
मुरादाबाद। सीसीएसआईटी एंड एफओई के प्रिंसिपल प्रो. आरके द्विवेदी बोले, शोधार्थियों को पीएचडी करने में कडी मेहनत की दरकार है। शोध के प्रति जुनून होना चाहिए। शोध के दौरान होने वाली गलतियों से बचने के लिए अपने व्यक्तिगत शोध अनुभव भी साझा किए। प्रो. द्विवेदी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग सांइसेज एण्ड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी-सीसीएसआईटी की कॉलेज रिसर्च कमेटी-सीआरसी की ओर से बेसिक एण्ड एडवासंड रिसर्च टूल्स को लेकर दो दिनी वर्कशॉप में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पहले मां सरस्वती की वंदना के संग दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। ब्लेंडेड मोड में आयोजित इस कार्यशाला में 4 सत्र हुए, जिनमें 8 रिसोर्स पर्सनस ने विभिन्न उपविषयों पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यशाला में 80 शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।
कार्यशाला के आयोजक डॉ. पराग अग्रवाल ने टीएमयू पीएचडी के विभिन्न प्रमुख बिदंुओं जैसे-अध्यादेश और एसओपी को गहनता से समझाया। डॉ. नूपाराम चौहान ने रिफंेरेस मेनेजमेंट सॉफ्टवेयर की विभिन्न विशेषताओं, संदर्भ लेखन के महत्व, जबकि डॉ. रंजना शर्मा ने शोधर्थियों को रिसर्च पेपर के अनुक्रमण के लिए वेब ऑफ साइंस, स्कोपस जैसे विभिन्न डेटाबेस के बारे में चर्चा की। प्रो. अशोक कुमार शोध पत्र लेखन मे क्या करें और क्या न करें पर बोले। प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना ने अनुसंधान लेखन और प्रारूपण में दस्तावेजों को टाइप करने के लिए एस सॅाफ्टवेयर प्रणाली और लेटेक्स सॉफ्टेंवयर के उपयोग को बताया। डॉ. शभू भारद्वाज ने टीएमयू लाइब्रेरी में उपलब्ध ई-संसाधनों, जबकि डॉ. शालिनी निनोरिया ने एंडनोट- द साइटेशन एंड रेफरेंस मैनेजमेंट टूल पर व्यापक चर्चा की। कार्यशाला में श्री अमित विश्नोई, श्रीमती शिखा गंभीर, डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. आरसी त्रिपाठी, श्री नवनीत विश्नोई, श्री आदित्य जैन, श्री विकास देसवाल, श्री विकास कुच्छल, श्री आरपी पांडेय, श्री आशीष विश्नोई, शोधार्थी सुश्री व्रतिका गुप्ता के संग-संग सीसीएसआईटी और एफओई के सभी रिसर्चफेलो उपस्थित रहे।