डीएम ने दिए कम प्रगति वाले सीएचओ को नोटिस जारी करने के निर्देश, कमियों का विश्लेषण कर रैंकिंग में करें सुधार
बदायूँ। जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जनपद बदायूं किसी भी कार्यों में राज्य औसत से कम ना हो यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कम प्रगति वाले सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ)े को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आसफपुर की प्रगति सभी पैरामीटर पर कम होने पर उन्हें सुधार के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कार्य कर रही महिलाओं व अन्य स्टाफ की सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि संस्थागत प्रसव के उपरांत सरकारी अस्पताल में प्रसूता 48 घंटे तक रहे। वहां उसकी अच्छी प्रकार से देखभाल हो। सरकारी अस्पताल में प्रकाश व्यवस्था, साफ सफाई व्यवस्था आदि विभिन्न व्यवस्थाएं समुचित रूप से संचालित हो यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक के दौरान उनके संज्ञान में आया कि जुलाई 2024 तक सरकारी अस्पतालों में 14077 तथा निजी अस्पतालों में 8038 संस्थागत प्रसंग हुए। कुल उपलब्धि प्रतिशत 63.28 प्रतिशत रहा। यह गत वर्ष की तुलना में सरकारी अस्पताल में 812 कम रहा तथा निजी अस्पतालों में 81 बढ़़ा है।
जिलाधिकारी के संज्ञान में आया कि यू0पी0 हेल्थ डैशबोर्ड में जनपद की रैंकिंग गत माह 19 थी जो जून 2024 में 42 हो गई है। जिलाधिकारी ने इसमें सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि किस वजह से रैंकिंग में गिरावट आई है इसका विश्लेषण करें। जननी सुरक्षा योजना में 20638 डिलीवरी हुई है जिनमें से 16907 को अनुमन्य धनराशि दी जा चुकी है जबकि 3731 को अभी तक नहीं मिल पाई है। जिलाधिकारी ने अनुमन्य धनराशि प्राथमिकता पर लाभार्थियों को देने के लिए कहा।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि रोगी कल्याण समिति से जिला पुरुष चिकित्सालय व जिला महिला चिकित्सालय तथा अन्य सरकारी अस्पतालों में जहां-जहां स्ट्रेचर या अन्य सामान की कमी है। उसको प्राथमिकता पर खरीदा जाए ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होंने जिला महिला चिकित्सालय व जिला पुरूष चिकित्सालय आदि अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा तथा तीमारदारों को पास जारी करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कार्य कर रही महिलाओं व अन्य स्टाफ की सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं होगा।
उन्होंने सरकारी अस्पतालों में महिला व पुरुष शौचालय अलग-अलग बनाने के लिए कहा तथा सफाई व्यवस्था भी सही प्रकार से हो यह सुनिश्चित करने के लिए कहा। अस्पतालों में कार्यरत प्राइवेट सिक्योरिटी स्टाफ आदि का पुलिस सत्यापन कराने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि जनपद में सर्जन की अगर कमी है तो इसके लिए जनपद में कार्यरत सभी सर्जन के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रां पर जाने के लिए दिन निर्धारित किए जाएं ताकि आमजन को परेशानी न हो।
जिलाधिकारी के संज्ञान में आया कि जनपद में 692356 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। उनके संज्ञान में आया कि ई-संजीवनी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन कंसल्टेशन के लिए 262 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कार्यरत हैं। जिनके द्वारा 01 से 20 अगस्त तक 1352 ऑनलाइन परामर्श किए गए। आसफपुर द्वारा 04 व सालारपुर सीएचओ द्वारा 05 किए गए। उन्होंने मानक से कम प्रगति वाले सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
बैठक में 06 प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। जिसमें जनपद में नए 95 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को किराए के भवनों पर संचालित कर वहां फर्नीचर आदि की व्यवस्था करने, 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों में प्रसव कक्ष बनाने तथा वहां सुदृढ़ीकरण का कार्य करने तथा जैपनीज एन्सेफेलाइटिस के प्रचार प्रसार के लिए वॉल पेंटिंग करने संबंधी कार्यों का अनुमोदन किया गया।
बैठक में डीएम के संज्ञान में लाया गया कि जीरो से एक वर्ष के बच्चों का टीकाकरण की प्रगति में संस्थागत प्रसव 14077 हुआ जिनमें से 107751 बच्चों को टीकाकरण का लक्ष्य था। जिसके सापेक्ष 32.32 प्रतिशत बच्चों को टीकाकरण कराया जा चुका है शेष पर कार्य जारी है। वहीं परिवार नियोजन में जुलाई 2024 में उपलब्धि प्रतिशत 49.99 प्रतिशत रहा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में 28 टीमें कार्यरत हैं जिसमें उपलब्धि प्रतिशत 52 प्रतिशत है। बैठक के दौरान राष्ट्रीय शहरोग नियंत्रण कार्यक्रम टीकाकरण कार्यक्रम आदि विभिन्न कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई वह आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामेश्वर मिश्रा सहित अन्य अधिकारी, चिकित्सक व स्टाफ मौजूद रहे।