लखनऊ। विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ, उप्र के आह्वान पर आज लेसा रेज़िडेंसी पर संविदा कर्मियों द्वारा विद्युत संविदा मजदूर संगठन लखनऊ जिला अध्यक्ष शिवरतन की अध्यक्षता में प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक सत्याग्रह किया। जिसमें मुख्य रूप से पुनीत राय प्रदेश प्रभारी सहित माता प्रसाद पांडे, शैलेश चौरसिया, गुड्डू मिश्रा, अरविंद वर्मा, रजनी शर्मा उर्फ बबलू ,गौरव यादव, विनोद विश्वकर्मा, धर्मेंद्र कुमार भारती, मुकुल, अजय, नितिन सोनकर, गोविंद मिश्रा, मोहम्मद इमरान, विष्णु, हर्षित आदि प्रमुख लोग मौजूद थे। सत्याग्रह के बाद संगठन द्वारा अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल राजभवन द्वितीय के माध्यम से चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें संविदा श्रमिकों को न्यूनतम वेतन ₹22,000 और लाइनमैन,एसएसओ तथा कम्प्यूटर को ₹25,000 दिए जाने करने की मॉग के अलावा हटाए गए निर्दोष संविदा कर्मचारियों की पुनः बहाली, असिस्टेंट बिलिंग और राजस्व वसूली से जुड़े कार्यों के लक्ष्यों को न पूरा करने के बहाने से स्थानांतरण और छंटनी को रोकने की मांग भी शामिल थी।
युवा मज़दूर नेता पुनीत राय द्वारा मॉग किया गया कि संविदा कर्मचारियों को श्रम कानूनों और अनुबंधों के विरुद्ध 14 से 16 घंटे काम करने के लिए मजबूर न किया तथा आउटसोर्स कर्मियों के लिए सेवा नियमावली बनाई जाए और रिक्त 65 हज़ार पदों पर 5 वर्ष अथवा अधिक वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों को वरीयता से नियमित किया जाए।
वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार मजदूरों को आधुनिक गुलामी में धकेल रही है। काम के घंटे 12 करने का कानून बना दिया गया और मजदूरों के न्यूनतम वेतन का पिछले पांच सालों से रिवीजन नहीं किया जा रहा है।
संविदा मजदूर के सम्मानजनक जीवन को जीने की संवैधानिक अधिकार को खत्म किया जा रहा है। इसके खिलाफ एक बड़ी गोलबंदी की जरूरत है। महासंघ के मिडिया प्रभारी और विद्युत मज़दूर संगठन उप्र के प्रान्तीय अध्यक्ष विमल चन्द्र पांडेय द्वारा अपने हक़ के लिए मज़बूत एका बनाने का संदेश दिया गया।
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