लखनऊ। सृष्टिकर्ता ने पर्यावरण का अदभुत सामन्जस्य स्थापित किया जिसमे सभी एक दूसरे के पूरक एवं सहयोगी है, मगर भौतिक सुखो एवं उपभोगी प्रवृत्ति के कारण मानव जिस प्रकार से प्रकृति का अंधाधुन्ध दोहन कर रहा है उससे प्रकृति के मूल स्वरूप के ही नष्ट होने की सम्भावना पैदा हो गयी है।
मात्र पर्यावरण से ही बचेगाी मानवता, जन चेतना कल्याणकारी समिति के अध्यक्ष आर. के. सिंह ने उक्त बाते ”एक पेड मॉं के नाम“ अभियान के अन्तर्गत पर्यावरण संगोश्ठी एवं पौधरोपण के शुभ अवसर पर आयोजित कार्यशाला मे कहा। सिह ने कहा कि विकास के नाम पर बिना सोचे समझे अंधाधुन्ध शहरीकरण एवं औद्योगिकरण से हमारा पर्यावरण विगडा है। ऐसा विकास मानवता का दुश्मन है जो भावी पीढ़ियों के लिए विनाश का कारण बनेगा।
कार्यशाला मे मुख्य वक्ता के रूप मे बोल रहे आलोक ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व्यक्तियों, समूहों और सरकारों द्वारा प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करने का अभ्यास है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और मौजूदा प्राकृतिक पर्यावरण का संरक्षण करना और, जहाँ संभव हो, क्षति की मरम्मत करना और प्रवृत्तियों को उलटना है।
एबीजेपी के अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि हमें प्रण करना है कि हर हाथ एक पेड़ लगाए, जल का संरक्षण करें तथा पर्यावरण की रक्षा करे। आर के सिंह ने कार्यशाला मे आये गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया एवं मानवता को बचाने के लिए पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने की अपील की।
अंत मे सिंह ने कार्यशाला केे मुख्य वक्तामुख्य अतिथि एवं उपस्थित लोगो का आभार ब्यक्त किया। कुंवर देवेन्द्र सिंह ने घरेलू कचरे से खाद बनाने की विस्तृत जानकारी दी। वही श्री बी बी सिंह किचेन गार्डेन की जानकारी देते हुए नि: शुल्क पौधो का वितरण किया।
पर्यावरण संगोश्ठी एवं पौधरोपण कार्यक्रम मे कुंवर देवेन्द्र सिंह रशिक मोहन श्रीवास्तव, बी बी सिंह , बी एस पाठक , श्री विक्रम सिंह चंदेल, अमलेन्दु तिवारी, आनंद शंकर शुक्ला, जसवीर सिंह , गजेंद्र सिंह , उमा शंकर सिंह कुशवाहा , कमल सिंह चौहान, रवि सोलंकी , लालजी शुक्ला , कुंवर चंद त्रिपाठी, जेपी त्रिपाठी, अशोक सक्सेना, मेवा सिंह, एच सी प्रसाद, अमित कुमार रघुवंशी , अमित श्रीवास्तव, शिव प्रताप सिंह, धर्मेंद्र मिश्रा आशीष पांडे, अजीत प्रताप सिंह, देवेंद्र मिश्रा, सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया ,मनोज सिंह ,सोमदत्त शर्मा आदि लोगों ने भाग लिया।