तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर की झोली में एक ओर उपलब्धि, कुलाधिपति श्री सुरेश जैन बोले, डेंटल कॉलेज की इन उपलब्धियों पर यूनिवर्सिटी को नाज़, प्रो. तांगडे के अब तक 1,255 और डॉ. अंकिता के 1,215 साइटेंशन
मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर की झोली में एक ओर उपलब्धि आई है। डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) प्रदीप तांगडे और वाइस प्रिंसिपल डॉ. अंकिता जैन के रिसर्च पेपर अव्वल साबित हुए हैं। यह भी गौरव की बात है, डॉ. अंकिता को इंटरनेशलन एसोसिएशन ऑफ पब्लिक हैल्थ एंड डेंटिस्ट्री- आईएपीएचडी की एग्जिक्यूटिव मेंबर भी चुना गया। थाईलैंड के बैंकॉक में नेशनल टू ग्लोबल ओरल हैल्थ- वाइंडनिंग द होरिजन पर हुई चार दिनी फर्स्ट इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में डेंटल प्रोफेशनल्स- प्रो. प्रदीप तांगडे और डॉ. अंकिता जैन के रिसर्च पेपर को फर्स्ट प्राइज मिला है। कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने कहा, इन उपलब्धियों पर यूनिवर्सिटी को गर्व है। प्रो. प्रदीप और डॉ. अंकिता ने इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पब्लिक हैल्थ एंड डेंटिस्ट्री- आईएपीएचडी की ओर से थाइलैंड में रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए। कॉन्फ्रेंस में प्रो. प्रदीप तांगडे और डॉ. अंकिता जैन एक सेशन की अध्यक्षता भी की। थम्मासैट यूनिवर्सिटी, थाईलैंड की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया- डीसीआई के प्रेसीडेंट डॉ. दिब्येंदु मजूमदार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
प्रिंसिपल प्रो. प्रदीप तांगडे ने इफीकेसी ऑफ त्रिफला एक्सट्रेक्ट, ममूका हनी एंड क्लोरहैक्सिडिन माउथ वॉश अगेन प्लाक अक्यूमलेशन एंड जिंजाइवल इम्फलामेंशन अमंग अंडरग्रेजुएट्स: ए रेंडमाइज़ क्लीनिकल ट्रायल, जबकि वाइस प्रिंसिपल डॉ. अंकिता जैन ने इफेक्टिवनेस ऑफ कैल्शियम फॉस्फेट डीसेंसेटाइजिंग एजेंट इन डेंटल हाइपरसेंसेविटी ओवर 24 वीक ऑफ क्लीनिकल इवेल्यूएशन पर अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। प्रो. तांगडे ने अपने रिसर्च पेपर में बताया, मसूडो. की सूजन या दुश्वारियों को दूर करने में ममूका हनी दीगर मेडिसिन से अधिक कारगर है। डॉ. अंकिता जैन ने अपने शोध में बताया, दांतों में झंझनाहट को दूर करने में कैल्शियम फॉस्फेट का दीर्घकालीन प्रयोग करना कारगर साबित हुआ है। कॉन्फ्रेंस में टीएमयू के प्रो. तांगडे और डॉ. अंकिता के संग-संग देश-विदेश के 350 जाने-माने डेंटल प्रोफेशनल्स ने प्रतिभाग किया। उल्लेखनीय है, प्रो. तांगडे और डॉ. अंकिता ने इंटरनेशनल कॉन्फेंस में दूसरी बार शामिल हुए हैं। प्रो. तांगडे 2018 और डॉ. अंकिता 2019 में बैकॉक की ही इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में शिरकत कर चुके हैं। प्रो. तांगडे के अब तक 1255, जबकि डॉ. अंकिता के 1215 साइटेंशन हो चुके हैं। टीएमयू डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल प्रो. प्रदीप तांगडे के 40 इंटरनेशनल और 148 नेशनल रिसर्च पेपर पब्लिश हो चुके हैं। डॉ. अंकिता के नाम 66 इंटरनेशनल और 128 नेशनल रिसर्च पेपर दर्ज हैं। प्रो. (डॉ.) प्रदीप तांगडे की 15, डॉ. अंकिता की तीन बुक्स जर्मनी से प्रकाशित हैं। साथ ही प्रो. (डॉ.) प्रदीप तांगडे के एक पेटेंट और डॉ. अंकिता के तीन पेटेंट भी शामिल हैं।