लखनऊ। पांच दिवसीय विराट पुस्तक मेले में अन्तिम दिन मेले का उद्घाटन पूर्व कमिश्नर श्री विद्याधर दुबे (आईएएस) ने दीप प्रज्ज्वलित के साथ श्री राम शर्मा एवं वंदनीय माताजी के चित्रों पर पुष्प अर्पित किया। विराट पुस्तक मेले का समापन हुआ।
विराट पुस्तक मेले में अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक, संरक्षक ,युग ऋषि, पंडित शर्मा आचार्य द्वारा लिखित साहित्य की पुस्तकें एवं वेदों का हिंदी रुपांतरण का विशाल भंडार उपलब्ध है। मेले में हजारो की सख्या में लोंगो ने साहित्य प्रेमी और विद्यालयों के शिक्षक, छात्र -छात्राओं ने पुस्तके खरीदी।
समापन के अवसर पर विद्याधर दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि टीडी गर्ल्स इंटर कॉलेज का यह कदम बहुत ही सराहनीय है। पंडित श्रीराम शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तकों का विशाल भंडार हैं। पुस्तकों से ही ज्ञान मिलता है, परंतु आज पुस्तकों की जगह मोबाइल ने ले लिया है। अब पुस्तकों को लोगों ने किनारे कर दिया है केवल मोबाइल से सब काम हो रहा है। परंतु जो ज्ञान पुस्तकों और बुजुर्गों के पास है वह गूगल में कहां मिलेगा। क्योंकि गूगल में सब कुछ मनुष्य के द्वारा भरा गया है। जिसमे बच्चों से बड़ो तक के लिए स्वाध्यवर्धन और ज्ञानवर्धन किताबें सुलभ हैं। हमारा सौभाग्य है कि हम गोमती नगर में निवास करते हैं ,जहां ऐसे धार्मिक आयोजन होते हैं । कार्यक्रम के संयोजक श्रीमती माधुरी पांडेय जी ने मुख्य अतिथि और आये सभी आगंतुओं का आभार व्यक्त किया।
आज मेले में कई स्कूलों के बच्चे, अध्यापकों के साथ अनेकों समितियों के पदाधिकारी ,प्रधानाचार्या लक्ष्मी सिंह, सुभाष बाजपेई, माधुरी यादव, रितु सिंह ,राम विनय उपाध्याय , सरिता यादव, आरती शर्मा अनेकों महिलायें उपस्थित रही।