Homeधर्मसशंय करें दूर 31 अक्टूबर को ही होगी दीपावली

सशंय करें दूर 31 अक्टूबर को ही होगी दीपावली

इस साल दीपावली की तारीख को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है, दरअसल इस वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि दो दिवस पड़ रही है, जिसके चलते कुछ विद्वान दीपावली 31 अक्तूबर को तो कुछ 01 नवंबर को मनाने की बात कह रहे हैं। आइए जानते हैं कि ज्योतिष और वैदिक विद्वान आचार्य राजेश कुमार शर्मा दीपावली को लेकर क्या सलाह दे रहें हैं।
हिंदू धर्म में दीपावली के त्योहार का विशेष महत्व होता है। यह हिंदूओं का सबसे बड़ा और प्रमुख पर्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार न सिर्फ भारत में मनाया जाता है, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में भी इस पर्व को मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस के पर्व से होती है। दीपावली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा-अर्चना की जाती है।
दीपावली कब मनाएं
31 अक्तूबर या 01 नवंबर?
शास्त्रों के अनुसार आचार्य राजेश कुमार शर्मा का कहना है दीपावली हर साल कार्तिक अमावस्या तिथि को मनाई जाती है लेकिन इस बार अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर और 01 नवंबर दोनों ही दिन पड़ने के कारण संशय की स्थिति बनी हुई है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो जाएगी, जो 01 नवंबर की शाम 06 बजकर 18 मिनट तक (बरेली मंडल) रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा तिथि की शुरूआत होगी। वैदिक पंचांग के अनुसार दीपावली पर लक्ष्मी पूजन हमेशा अमावस्या तिथि के रहने पर और प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद से लेकर देर रात तक करने का विधान होता है। स्कंदपुराण के द्वितीय भाग वैष्णवखंड के कार्तिकमहात्म्य के 10वें अध्याय “दीपावली कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा महात्म्य” नामक अध्याय के श्लोक क्रमांक 11 में भगवान श्री ब्रह्माजी ने स्पष्ट कह दिया…
“माङ्गल्यंतद्दिनेचेत्स्याद्वित्तादितस्यनश्यति।
बलेश्चप्रतिपद्दर्शाद्यदिविद्धं भविष्यति॥”

अर्थात् –
अमावस्या विद्ध बलि प्रतिपदा तिथि में मोहवशात् माङ्गल्य कार्य हेतु अनुष्ठान करने से सारा धन नष्ट हो जाता है।”
इस तरह से 31 अक्तूबर को अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और निशिताकाल के मुहूर्त में दीपावली मनाना शुभ होगा।
इसको लेकर अखिल भारतीय विदुत परिषद जयपुर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने भी 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाने की सलाह दी है।यद्यपि कुछ पंचांग और ज्योतिषकार 01 नवंबर को दीपावली मनाने की सलाह दे रहे हैं।
परंतु क्षेत्रकाल रीति मानते हुए 31 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाना श्रेयस्कर रहेगा।
जो सही जान पड़ा वह लिख दिया आगे जातकों की मर्जी।
दीपावली पूजन शुभ मूहूर्त
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त- 31 अक्तूबर को सायं 6 बजकर 27 मिनट से रात लेकर 8 बजकर 32 बजे तक।
दीपावली पूजन का निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात तक 12 बजकर 31 मिनट तक।
प्रदोष काल
सायं 05:36 से 08:12 रात्रि तक
वृषभ काल
सायं 06:22से 08:19 रात्रि तक
दीपावली प्रकाश माला
धनतेरस- 29 अक्तूबर
नरक चतुर्दशी, छोटी दीपावली – 30 अक्तूबर
लक्ष्मी पूजा- 31 अक्तूबर
गोवर्धन पूजा- 02 नवंबर
भाई दूज- 03 नवंबर

आचार्य राजेश कुमार शर्मा

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