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राष्ट्र प्रथम की भावना को करें आत्मसात: कुलाधिपति

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में आन, बान और शान से हुआ ध्वजारोहण, भारत माता, वंदे मातरम् सरीखे जयकारों से गूंजा यूनिवर्सिटी का कैंपस, सुरक्षा गार्डों ने दी सलामी

मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस से लेकर स्वतंत्रता सेनानी एवम् श्रीराम मंदिर आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दाऊदयाल खन्ना का भावपूर्ण स्मरण करते हुए जंग-ए-आजादी के लिए कुर्बान होने वाले लाखों गुमनाम लोगों को नींव का पत्थर बताते हुए अपनी श्रद्धाजंलि दी। देशप्रेम की पुरजोर वकालत करते हुए कुलाधिपति बोले, हम सभी को राष्ट्र प्रथम की भावना को आत्मसात करना चाहिए। आज बेहद खुशी का दिन है, हम खुले आकाश तले 76वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। मैं बड़ा खुशनसीब हूं कि मैं आजादी से पूर्व गुलाम भारत में पैदा हुआ। मैंने दोनों काल देखे हैं, गुलामी भी देखी और आजादी भी देख रहा हूं। हमने जंग-ए-आजादी के लिए बड़ी कीमत चुकाई है। लाखों लोगों ने कुर्बानी दी। फांसी दी गई। वे अंडमान निकोबार की जेलों में भी गए। कुलाधिपति श्री जैन तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कैंपस में ध्वारोहण के बाद यूनिवर्सिटी के स्टुडेंट्स, फैकल्टीज़, स्टाफ आदि को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व बड़ी आन, बान और शान से ध्वजारोहण हुआ। भारत माता, वंदे मातरम् सरीखे जयकारों से कैंपस गूंज उठा। स्टुडेंट्स हाथों में तिरंगा लिए जोश से लबरेज थे। सुरक्षा गार्डों ने तिरंगे को सलामी दी। टीएमयू कैंपस में ध्वजारोहण के बाद टिमिट, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के संग-संग हरियाना के मदन स्वरुप इंटर कॉलेज में गणतंत्र दिवस समारोह हुए। टीएमयू कैंपस में समारोह के बाद मिष्ठान वितरण हुआ।
एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने कहा, यूं तो हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को ही स्वीकार कर लिया गया था। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के लिए इसलिए चुना गया, क्योंकि 26 जनवरी 1930 को इंडियन नेशनल कॉग्रेंस के प्रेसीडेंट पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी। इसीलिए लगभग दो महीने इंतजार के बाद अंततः 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान को लागू किया गया। टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन ने भारत माता की जयघोष से अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा, गणतंत्र की मजबूती को हमें परस्पर मदद के लिए निस्वार्थ हाथ बढ़ाने चाहिए। देश के चहुमुखी विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहें ताकि 2047 तक विकसित भारत का सपना पूर्ण हो सके। इस अवसर पर टिमिट के डायरेक्टर प्रो. विपिन जैन, डीन स्टुडेंट वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, एफओई के डीन प्रो. आरके द्विवेदी, डायरेक्टर एचआर श्री मनोज जैन, चीफ प्रोक्टर प्रो. एसके सिंह, वीसी की धर्मपत्नी डॉ. करुणा जैन, डॉ. नीलिमा जैन, डॉ. अलका अग्रवाल आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही। संचालन डॉ. माधव शर्मा ने किया।

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