तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीसीएसआईटी में अंतरिक्ष विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी का अवलोकन और भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण का भविष्य पर आईआईआरएस आउटरीच प्रशिक्षण का समापन
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मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के इसरो नोडल सेंटर से ऑनलाइन मोड में चले स्टार्ट-इसरो कार्यक्रम में 325 स्टुडेंट्स का दूसरा बैच भी प्रशिक्षित हो गया है। आईआईआरएस की ओर से इन्हें जल्द ही प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का यह प्रशिक्षण कोर्स भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान- आईआईआरएस, इसरो देहरादून की ओर से संचालित है। यह प्रशिक्षण इसरो के करीब दो दर्जन अनुभवी वैज्ञानिकों ने ऑनलाइन दिया। टीएमयू के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन कहते हैं, इसरो के स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी अवेयरनेस ट्रेनिंग- स्टार्ट प्रोग्राम की ओर से ई-क्लासेज के जरिए टीएमयू वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्वेषण के प्रति संजीदा है। हम अपने स्टुडेंट्स को ज्ञान-विज्ञान के संग-संग प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने के प्रति संकल्पित हैं।
कॉलेज ऑफ कम्प्यूटिंग साइन्सेज़ एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉज़ी-सीसीएसआईटी के लेक्चर थिएटर-2 में आईआईआरएस आउटरीच प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर प्रोग्राम कोर्डिनेटर एवम् एफओई के डीन प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने कहा, स्टार्ट-इसरो सरीखा प्रोग्राम युवा मस्तिष्कों को पोषित करने और उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। प्रो. द्विवेदी ने कहा, अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत का भविष्य आप जैसे युवा दिमागों के हाथों में है। सहायक समन्वयक डॉ. हिना हाशमी ने कहा, यह प्रशिक्षण छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रतिफल है। डॉ. हाशमी ने कहा, टीएमयू छात्रों को सीखने और नवाचार को प्रेरित करने वाले मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है, इसरो के मानक के अनुरूप टीएमयू में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं- स्मार्ट लेक्चर हॉल्स, वातानुकूलित ऑडिटोरियम, हाई स्पीड इंटरनेट आदि उपलब्ध हैं।