गज पर मां दुर्गा का आगमन
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस बार बसंतिक नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025, रविवार से हो रही है, और इसका समापन 7 अप्रैल 2025, सोमवार को होगा, सप्ताह के दिनों के आधार पर मां दुर्गा की सवारी निर्धारित होती है, और इस बार माता गज पर सवार होकर आएंगी और गज पर ही प्रस्थान करेंगी।
गज पर मां दुर्गा का आगमन
ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा के अनुसार मां दुर्गा जब हाथी गज पर सवार होकर आती हैं, तो इसे बेहद शुभ माना जाता है। यह संकेत देता है कि आने वाला समय सुख-समृद्धि से भरा होगा, माना जाता है कि माता का हाथी पर आना देश में अच्छी वर्षा, कृषि में उन्नति, अन्न-धन की वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक होता है।
हाथी पर प्रस्थान का क्या है महत्व?
नवरात्रि का समापन सोमवार को हो रहा है, यद्यपि रविवार को ही नवमी मान्य होगी और सोमवार के दिन मां दुर्गा हाथी पर प्रस्थान करती हैं तो यह इस बात का संकेत होता है कि देश में शांति, खुशहाली और समृद्धि बनी रहेगी।
ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा के अनुसार आध्यात्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव
इस बार नवरात्रि में माता का आगमन और प्रस्थान दोनों ही हाथी पर होने के कारण आर्थिक रूप से देश के लिए यह शुभ संकेत माना जा रहा है। वर्षा अच्छी होगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा और अन्न-धन की कोई कमी नहीं रहेगी।
सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से यह नवरात्रि भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहेगी।
बसंतिक नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त
कलश स्थापना के लिए निम्नलिखित मुहूर्त है:
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा प्रारंभ
29 मार्च सायं 4:26
समापन 30 मार्च दोपहर 12:48
कलश स्थापना पहला मुहूर्त:
30 मार्च 2025, सुबह 06:12 बजे से 10:21 बजे तक।
दूसरा मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त):
30 मार्च 2025, दोपहर 11:57 बजे से 12:46 बजे तक।
इन मुहूर्तों में कलश स्थापना करना विशेष फलदायक होता है। आप इन समयों में अपने घर या पूजा स्थल पर कलश स्थापित कर सकते हैं।
सिद्धार्थी संवत2082
संवत् 2082 का आरंभ 30 अप्रैल चैत्र नवरात्रि से हो रहा है। इस संवत का नाम सिद्धार्थी संवत होगा। जिसके राजा सूर्य और मंत्री भी सूर्य होने जा रहे हैं। जबकि संवत् का लग्न सिंह होगा और इस समय सूर्य और चंद्रमा दोनों ही मीन राशि में विराजमान होंगे। और इस बार संवत का आरंभ दुर्लभ संयोग से होगा जबकि राजा सूर्य अपनी पंचायत मीन राशि में लगाएंगे
हिंदू नववर्ष पर कौन-से शुभ योग बनेंगे?
ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा के अनुसार, विक्रम संवंत 2082 के पहले दिन यानी 30 मार्च, शनिवार को सूर्य, चंद्र, शनि, बुध और राहु मीन राशि में रहेंगे, जिससे पंचग्रही योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन बुधादित्य, अमृतसिद्धि और सर्वार्थसिद्धि नाम के अन्य शुभ योग भी रहेंगे। यह योग संवत 1982 में बना था।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार साल का राजा और मंत्री एक ही हो और सूर्य होने पर शास्त्रों में लिखा है-
स्वयं राजा स्वयं मंत्री जनेषु रोगपीड़ा चौराग्नि शंका विग्रह भयं च नृपणाम।
अर्थ है- जब राजा और मंत्री दोनों एक ही हो तो राजनीतिक क्षेत्र में राजनेता अपना मनमाना आचरण शुरू करते हैं और अपनी शक्तियों का भरपूर दुरुपयोग भी करते हैं। स्वयं का स्वार्थ पूरा करने के लिए किसी भी क्रूरता की हद तक जा सकते हैं। विपक्ष के प्रति षड्यंत्र बहुत बड़े स्तर पर किए जाते हैं। जनता सरकार की तानाशाही से असन्तुष्ट रहती है। केन्द्र की सरकार और राज्य की सरकार में अत्याधिक मतभेद शुरू होते हैं।
अनाज फल सब्जियों की पैदावार में कमी आती है, सही समय पर वर्षा नहीं होती है और महंगाई में वृद्धि होती है। रेल दुर्घटना में अग्निकाण्ड, हवाई दुर्घटना होती है। नेत्र रोगों में वृद्धि होती है।
ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा के अनुसार क्या-क्या होंगे परिणाम
मेघेश सूर्य –
संवत्सर में जब मेघेश सूर्य हो तो वर्षा में कमी रहती है, क्योंकि सूर्य अग्नितत्व प्रधान है। मेघ से संबंधित मामलों में अग्नितत्व शुभ परिणाम नहीं देता है, इसलिए उपयोगी वर्षा में कमी रहती है, गर्मी और सूखा अधिक पड़ता है।
दुर्गेश शनि-
संवत्सर में जब शनि सेना का स्वामी होता है तो आंतरिक दंगे फसाद में बढ़ोतरी होती है। इस वर्ष झगड़े जिस वातावरण होने से लोगों अपने स्थानों को छोड़कर दूसरे स्थानों में जा सकते हैं। सांप्रदायिक झगड़े दंगे अधिक होंगे।
फलेश शनि-
जब फलों का स्वामी शनि खाद्य सामग्री के व्यापार में अस्थिरता आती है। शनि शुष्कवृति का ग्रह होने से फसलों का उत्पादन कम रहता है, कीटाणुओं के कारण फसल में संक्रमण फैलता है तथा सड़न भी अधिक होती है। इस कारण से महंगाई अधिक होती है।
शनि का राशि परिवर्तन-
29 मार्च 2025 में शनि देव का मीन राशि में प्रवेश होगा जहां पर राहु पहले ही विराजमान हैं और कुम्भ राशि की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों ग्रहों का जल तत्व की राशि में युति बना लेना विश्वभर के लिए चिंताजनक हो सकता है। इस युति के कारण वर्ष में नामी देश बड़े स्तर के षड्यंत्र कर के गुटबाजी फैलाकर स्वयं का स्वार्थ सिद्ध करेंगे, युद्ध जैसा वातावरण निर्मित करने का कड़ा प्रयास किया जाएगा और काफी बड़े स्तर पर सफलता भी मिलेगी। कूटनीति के सहारे से आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाएगा, जलमार्ग से आतंकी हमलों की तथा जल से किसी प्रकार के संक्रमण की आशंका भी बनी रहेगी।
परिणाम
शनि और सूर्य की परिस्थितियों से प्रतीत होता है कि संवत 2082 आम जनता के पक्ष में निराशा ही देगा। इस साल बड़े पदाधिकारियों का बोलबाला रहेगा तथा राजनीतिक क्षेत्र में तानाशाही जैसा माहौल बनेगा। आम जनता का हित नहीं सोचा जाएगा. फसलों का नुकसान बेमौसमी अल्प बरसात तथा अधिक तापमान के कारण होगा। महंगाई चरम ओर पहुंचेगी। निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कुल मिलाकर संवत 2082 का वर्ष आम जनता के हित में नहीं है।

ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा