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*निजीकरण के विरोध में 29 मई से कार्य बहिष्कार का ऐलान*

*निजीकरण के विरोध में 29 मई से कार्य बहिष्कार का ऐलान*
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👉 *16 अप्रैल से जन-जागरण अभियान के साथ आन्दोलन का शंखनाद*

👉 *निजीकरण वापस होने तक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार जारी रहेगा*

*लखनऊ*। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में निर्णायक आन्दोलन का ऐलान किया है। आज लखनऊ में हुई बिजली कर्मचारियों की विशाल रैली के बाद आम सभा में प्रस्ताव पारित कर 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार आन्दोलन का निर्णय लिया गया।

इसके पूर्व 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जनजागरण अभियान चलाया जायेगा, 01 मई को बाईक रैली निकाली जायेगी, 02 मई से 09 मई तक क्रमिक अनशन होगा, 14 मई से 19 मई तक नियमानुसार कार्य आन्दोलन होगा, 20 मई को व्यापक विरोध प्रदर्शन होगा और 21 मई से 28 मई तक तीन घण्टे का कार्य बहिष्कार होगा।

बिजली कर्मचारियों की रैली अपराह्न 12.30 बजे राणा प्रताप मार्ग स्थित हाईडिल फील्ड हॉस्टल से प्रारम्भ होकर दैनिक जागरण चौराहा, सिकन्दरबाग चौराहा, अशोक मार्ग, इन्दिरा भवन, जवाहर भवन, शक्तिभवन होते हुए मीराबाई मार्ग के रास्ते वापस फील्ड हॉस्टल तक आई और फील्ड हॉस्टल पर विशाल सभा में सर्वसम्मति से इन्कलाब के नारों के बीच निजीकरण के विरोध में आन्दोलन का निर्णय लिया गया। रैली में लगभग 25 हजार बिजली कर्मी उपस्थित थे। रैली पूरे अनुशासन के साथ निकली।

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स की कोर कमेटी के पदाधिकारियों ने रैली को सम्बोधित किया।

ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे, सेक्रेटरी जनरल पी रत्नाकर राव, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज के सेक्रेटरी जनरल मोहन शर्मा, ऑल इण्डिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर के त्रिवेदी, इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इण्डिया के जनरल सेक्रेटरी सुदीप दत्त, उपाध्यक्ष एवं अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा तथा ऑल इण्डिया पॉवर मेन्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी आर के पराशर, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमल अग्रवाल, अटेवा के अध्यक्ष विजय बन्धु, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के अध्यक्ष अजय कुमार ने मुख्यतया रैली को सम्बोधित किया और चेतावनी दी कि यदि निजीकरण वापस न लिया गया और किसी भी बिजली कर्मी का उत्पीड़न किया गया तो देश के 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शक नहीं रहेंगे और राष्ट्रव्यापी आन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी उप्र सरकार की होगी।

बिजली कर्मियों की रैली के बाद आम सभा में लिये गये निर्णय के अनुसार 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जन-जागरण पखवाड़ा चलाया जायेगा जिसके अन्तर्गत प्रदेश के समस्त सांसदों और विधायकों को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दिये जायेंगे तथा समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध सभा की जायेगी। 01 मई को मजदूर दिवस के दिन समस्त जनपदों और परियोजनाओं में बाईक रैली निकाली जायेगी।
02 मई से 09 मई तक शक्तिभवन मुख्यालय पर क्रमिक अनशन किया जायेगा जिसमें अलग-अलग दिन विद्युत वितरण निगमों और परियोजनाओं के बिजली कर्मी सम्मिलित होंगे। क्रमिक अनशन में उत्तरी भारत के विभिन्न प्रान्तों के बिजली कर्मी और अभियन्ता भी सम्मिलित होंगे।

14 मई से 19 मई तक नियमानुसार कार्य आन्दोलन चलाया जायेगा जिसके तहत बिजली कर्मी अपने लिये निर्धारित ड्यूटी और अपने लिये निर्धारित कार्य की अवधि के अलावा काम नहीं करेंगे। 14 मई को उत्तरी भारत के सभी प्रान्तों के बिजली कर्मी उत्तर प्रदेश में हो रहे निजीकरण के विरोध में व्यापक प्रदर्शन करेंगे।

20 मई को सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मी व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। 21 मई से 28 मई तक अपराह्न 02 बजे से सायं 05 बजे तक कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार होगा।
पारित प्रस्ताव में चेतावनी दी गयी है कि यदि शान्तिपूर्ण ध्यानाकषर्ण आन्दोलन के फलस्वरूप किसी भी बिजली कर्मी पर कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की गयी तो उसी समय अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ हो जायेगा जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की और प्रबन्धन की होगी।

आज की रैली की विशेष बात यह थी कि देश के अनेक प्रान्तों के बिजली कर्मचारी संघों और अभियन्ता संघों के शीर्ष पदाधिकारी इस रैली में सम्मिलित हुए और उन्होंने उत्तर प्रदेश के संघर्षरत बिजली कर्मियों को पुरजोर समर्थन दिया। मुख्यतया तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड के पदाधिकारी और अभियन्ता बड़ी संख्या में रैली में आये। उप्र राज्य विद्युत परिषद उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों के आन्दोलन का समर्थन किया और निजीकरण तत्काल वापस लेने की मांग की।

रैली को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के प्रमुख पदाधिकारियों जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, पी.के.दीक्षित, सुहैल आबिद, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, जवाहर लाल विश्वकर्मा, वी सी उपाध्याय, श्रीचन्द, छोटेलाल दीक्षित, योगेन्द्र कुमार, प्रेम नाथ राय, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो इलियास, सरजू त्रिवेदी, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, आर एस मिश्रा, पी एस बाजपेई, जी. पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, सुरेन्द्र सिंह, विशम्भर सिंह एवं राम निवास त्यागी ने मुख्यतया सम्बोधित किया।

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