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तेज़ी से बढ़ती हुई बीमारी सुगर यानी मधुमेह, उसके जुड़े कुछ लक्षण और कुछ जानकारी

तेज़ी से बढ़ती हुई बीमारी सुगर यानी मधुमेह, उसके जुड़े कुछ लक्षण और कुछ जानकारी, लुक भ्रांति, कुछ गलतफहमी, कुछ सुझाव, साँझा कर रहा हूँ।
लक्षण
प्यास लगने बार बार, ज्यादा कमजोरी होना, थकान जल्द हो जाना, पेशाब बार बार लगना, बदन में दर्द बराबर रहना, भूख बार बार लगना, जख्म का जल्द न सुखना, पैर हाथ में लहर, जलन,सूनापन रहने, इत्यादि।
टाइप 1 यानी युवा या फिर बच्चो लोगो को इन्सुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज जिसमे इन्सुलिन बाहर से लेना हीएक मात्र विकल्प है क्योंकि इन्सुलिन काफी बनता है ऐसे मरीज़ों में।
टाइप 2 डायबिटीज यानी व्यस्को, ज्यादातर बुजुर्गों या 30 उम्र के बाद होनेवाली डायबिटीज।
इसमे ओरल टेबलेट्स से सुगर कम किया जा सकता है। कुछ खास मामलों में ही इन्सुलिन लेनी पड़ती है।
सुगर मात्र थकान का ही लक्षण नही बल्कि हमारे पूरे शरीर किडनी लिवर हार्ट से लेकर हड्डियों तक को भारी नुकसान पहुचता है।
कुछ प्रमुख कंप्लीकेशन्स/खतरे
डायबिटिक नेफ्रोपैथी- किडनी की बीमारी, पेशाब कम होना, किडनी में सूजन, शरीर मे सूजन, क्रिएटिनिन बढ़ना, अनियंत्रित बीपी।
डायबिटिक न्यूरोपैथी – हाथ पैर में जलन, झिंझिंहत, सूनापन इत्यादि
डियाबेटिस रेटीनोपैथी – आंख से कम दिखना, धुंधलापन, नज़र कमजोर होना।
मायोपथी- मांस पेशी में दर्द, ऐंठन होना।
गस्टरोपथी- पेट का ठीक नही रहना, कभी कब्ज़ कभी लूज़ हो जाना, अत्यधिक गैस बनना।
परामर्श
सुबह या शाम या रात 45 मिनट रोज़ तेज़ टहले, पसीना आना चाहये।
कम खाये, 2 से 3 रोटी खाये, रोज़ एक सेव नियम सुबह 11 बजे ले, हरि सब्ज़िया खूब खाये, जूस कभी भी न ले, 4 से 5 बार कुछ न कुछ खाये लेकिन कम मात्रा रखे। मिठाई, कोल्ड ड्रिंक, टॉफी इत्यादि से दूर रहे।
हर तीन महीने पर HBA1C अवश्य जांच कर ले, 2 महीने एक बार सुगर की खाली पेट की जांच जरूर कर ले।
खाली पेट सुगर 125 या उससे कम रहना चाहये,
बढ़े रहने पर दवाई लेनी जरूरी है। 110 से 125 आप कहाँ पगन से सुधार सकते है।
अपनी वसा कोलेस्ट्रॉल लिपिड प्रोफाइल 3 महीने पर जरूर करते रहे ताकि समय रहते आप सचेत हो सके।
सावधानी
सुगर कि दवाई समय पर ले, खुद से छोड़े नही, कभी दुसरो की दवाई खुद न ले, आपकि उम्र, आपकी स्तिथि , आपके वजन और बहुत सारे चीज़ों से दवाई तय की जाती है।
अनियंत्रित सुगर के मरीज़ों को हार्ट अटैक, किडनी फेलियर का रिस्क काफी ज्यादा होता है अतः कभी सुगर की बीमारी को युही न समझे।
पैरो नाखूनों का विशेष ख्याल रखे, त्वचा सांफ रखे, कोमल चपल पहने, खाली पैर रोड न चले।
अत्यधिक तनाव, चिंता से दूर रहे क्योंकि सुगर को अनियंत्रित करने में ये सारे काफी जाने जाते है।
आसन
कुछ खास आसनों से सुगर कम होता है क्योंकि इन्सुलिन ज्यादा बनता है।
जैसे भुजंगासन, इत्यादि।
गलतफहमी
सुगर की दवाई हमेशा खानी पड़ेगी, सुगर एक बार हुआ तोह छोड़ेगा नही,
सुगर की दवाइयां खराबी करती है,इत्यादि।
ऐसे भ्रांतियों में न पड़े ये सब कहि सुनी बातें है जो कि वास्तविक नही।
स्वस्थ्य रहे, खुश रहे, मस्त रहे, रोज़ तेज़ टहले।
नुस्ख़ा
आज मैं आपको मधुमेह का हाल ही में किसी पर आजमाया हुआ सफल नुस्खा बता रहा हूँ।
एक किलो मेथीदाना (यह सुनहरे रंग, थोड़ी लालिमा लिए हुए होता है )लीजिये और नींबू के रस में अच्छी तरह भिगो कर तर कर दीजिए, रात भर पड़ी रहने के बाद मेथी नीबू रस को सोख कर फूल जाएगी, तब छाया में सुखाएं।धूप में भी सूखा सकते हैं, सूखने के बाद इसका चूर्ण बना कर डेड सौ ग्राम के करीब सेंधा नमक मिला लीजिए।
इस मिश्रण को छह सात ग्राम सुबह खाली पेट जल के साथ लेना है। आप चाहें तो इसमें अजवाइन भी थोड़ी मात्रा में मिला सकते हैं, गुणवत्ता बढ़ जाएगी।
अगर यह बनाने की प्रक्रिया हम किसी चीनी मिट्टी या मिट्टी के बर्तन में करें तो भी गुणवत्ता बढ़ जाएगी।

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