रोबोटिक घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी अब घुटनों के इलाज में एक नई और बेहतरीन तकनीक बन चुकी है। यह तकनीक खासतौर पर उन लोगों के लिए मददगार है जो घुटनों के दर्द से लंबे समय से परेशान हैं। इस तकनीक में खास मशीनों (रोबोटिक उपकरणों) और 3डी इमेजिंग का इस्तेमाल होता है, जिससे हर मरीज के घुटने की स्थिति के अनुसार अलग-अलग योजना बनती है। इससे सर्जरी बहुत ही सटीक और सुरक्षित तरीके से होती है, जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं और दर्द भी कम होता है।
डॉ. गौरव गुप्ता, जो रोबोटिक घुटना सर्जरी में माहिर हैं, बताते हैं कि इस तकनीक ने सर्जरी के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। उनका कहना है, “रोबोटिक तकनीक से सर्जरी करने पर इंसानी गलतियों की संभावना बहुत कम हो जाती है, जिससे मरीज को बेहतर परिणाम और जल्दी राहत मिलती है।”
डॉ. गुप्ता ने पिछले 15 सालों में 2,000 से ज्यादा जोड़ बदलने की सर्जरी की हैं। 2015 में उन्होंने अपने क्षेत्र में पहली बार कंप्यूटर की मदद से (नेविगेशन सिस्टम के जरिए) जोड़ बदलने की सर्जरी की थी। उन्होंने जर्मनी, स्विट्जरलैंड और मलेशिया से रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग ली है और भारत में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में भी अग्रणी रहे हैं।
इस तकनीक से बहुत से मरीजों को शानदार नतीजे मिले हैं। झांसी ऑर्थोपेडिक अस्पताल में हुई एक महिला की रोबोटिक घुटना सर्जरी इसका एक उदाहरण है। केवल डेढ़ महीने बाद ही वह प्रयागराज के कुंभ मेले में शामिल हुईं, जहां वह मीलों पैदल चलीं और घंटों लाइन में खड़ी रहीं, लेकिन उन्हें कोई दर्द या परेशानी नहीं हुई।
डॉ. गुप्ता कहते हैं, “सर्जरी के एक महीने बाद मरीज को मीलों पैदल चलते देखना सच में चौंकाने वाला और खुशी देने वाला अनुभव था। रोबोटिक तकनीक की वजह से अब हम जल्दी और सटीक सर्जरी कर पा रहे हैं, जिससे मरीज तेजी से अपने सामान्य जीवन में लौट सकते हैं।”
इस तकनीक के आने से न सिर्फ सर्जरी आसान और सटीक हुई है, बल्कि मरीजों की रिकवरी भी बहुत तेज हो गई है। पहले जहां घुटने की सर्जरी के बाद महीनों तक आराम करना पड़ता था, अब मरीज कुछ दिनों में ही चलने-फिरने लगते हैं।
कुल मिलाकर, रोबोटिक घुटना रिप्लेसमेंट उन लोगों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है जो घुटनों के दर्द से परेशान हैं। आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों के साथ यह सर्जरी अब लोगों को दर्द से छुटकारा दिलाकर उन्हें फिर से एक सक्रिय और खुशहाल जीवन देने में मदद कर रही है।
