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शिकायती पत्र देने के बावजूद भी नहीं हो सका कोई समाधा

नही मिला न्याय पीड़ित का आरोप कई बार तहसील समाधान दिवस में उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देने के बावजूद भी नहीं हो सका कोई समाधान।

सहसबान- तहसील के कारनामे किसी से छुपे नहीं है, लेखपालों की मनमर्जी के आगे किसान भी परेशान है, इस तहसील में कुछ लेखपाल तो ऐसे हैं, जो काफी वर्षों से सत्तादारी नेताओं के चरण वंदना कर जमे हुए हैं, और वहीं कुछ लेखपाल ऐसे हैं,जो एक ही हल्के पर काफी बरसों से पैर पसारे हुए हैं, जिसके चलते अधिकांश शिकायतें भी तहसील दिवस में भूमि से संबंधित ही देखने को मिलती हैं। गरीब किसान को न्याय न मिलाना यही दर्शाता है, कि वह तहसील मैं रोज चक्कर लगा लगाकर हार जाता है, और एक न्याय की उम्मीद छोड़ देता है ।जिसको लेकर वह शासन एवं प्रशासन को कोसने लगता है, वही इस तहसील में कुछ लेखपाल तो ऐसे भी हैं, जिनके कारनामे आए दिन उजागर होने के बावजूद भी इन पर कोई कार्रवाई न होना एक चिंता का विषय भी बना हुआ है, आज शनिवार को तहसील दिवस में शाहरुख कमाल पुत्र रईस अहमद मोहल्ला नसरुल्लागंज निवासी ने लेखपाल से लेकर कानूनगो पर गंभीर भी आरोप लगाते हुए बताया की इन लोगों ने भू माफियाओं से आर्थिक सांठगांठ कर हमारी भूमि पर ही कब्जा करा दिया वही पीड़ित जिसको लेकर न्याय के लिए काफी समय से तहसील के चक्कर काट रहा है, उसके बावजूद भी पीड़ित के लिए कोई न्याय नहीं मिला है। वही लेखपाल के खिलाफ कई बार आई जीआरएस से लेकर लिखित में वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायतें भी कई बार की गई है उसके बावजूद वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। वही पीड़ित का कहना है, कि आईजीआरएस पर भी झूठी आख्या लगाकर हर बार भ्रष्ट लेखपाल को बचा लिया जाता है। वही पीड़ित का कहना है ‌कि अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मुख्यमंत्री दरबार मैं न्याय की गुहार लगाऊंगा। अब देखना यह है कि इस प्रार्थना पत्र के आधार पर कोई कार्यबही होती है या नहीं।
संवाददाता डाo राशिद अली खान सहसवान बदायूं

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