अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमारी
बदायूँ। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुक्रम में माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा सोमवार को बच्चों के अधिकारों के विषय पर विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय, शेखुुपुर, बदायूँ में आयोजित किया गया।
शिविर का शुभारम्भ अपर जिला एव सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुुमारी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में असिस्टेन्ट, एल0ए0डी0सी0/जि0वि0से0प्रा0 कशिश सक्सेना द्वारा अपने वक्तव्य में कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं के विधिक अधिकारों से सम्बन्धित एवं 3 नये कानूनों के बारे में एवं भारतीय संविधान में वर्णित अनुच्छेद-14, अनुच्छेद-15 एवं अनुच्छेद-18, अनुच्छेद-21 व 21ए, अनुच्छेद-43, राज्य के सभी श्रमिक मजदूरों एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के बारे में विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया। नायब तहसीलदार, उझानी, तहसील सदर जनपद बदायूँ, श्री अमित कुमार, द्वारा अपने वक्तव्य में कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं एवं बालिकाओं के अधिकारों बाल विवाह, भू्रण हत्या आदि के बारे में विस्तार पूूर्वक जानकारी दी गयी।
शिविर के अन्त में अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमारी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को अपने वक्तव्य में बताया कि छात्र-छात्राओं को शिक्षित होना चाहिऐ व अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना चाहिऐ। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को फेसबुक एवं इन्सटाग्राम आदि सोशल मीडिया साइटों का उपयोग सीमित दायरे में ही करना चाहिए क्योंकि आधुनिक परिवेश में सोशल मीडिया के दुर्पयोग से विभिन्न सायबर अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है तथा इस सोशल मीडिया के माध्यम से अनभिज्ञ बच्चें, अश्लील चलचित्र, छायाचित्र देखकर ब्लैकमेल का शिकार हो जाते है और साथ ही अपना भविष्य खराब कर लेते हैं। इसी क्रम में भारतीय संविधान में वर्णित अनुच्छेद-15 लैंगिक भेदभाव एवं अनुच्छेद-20, 21 और 24 भारत के संविधान के मौलिक अधिकारों से सम्बन्धित हैं। अनुच्छेद-20, दोषसिद्ध से सुरक्षाः यह अनुच्छेद अपराधों के लिए दोषसिद्ध के सम्बन्ध में सुरक्षा प्रदान करता है, अनुच्छेद-21, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रताः यह अनुच्छेद किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करने से बचाता है एवं अनुच्छेद 24ः बच्चों के श्रम का निषेधः यह अनुच्छेद 14 वर्ष से कम आयु के किसी बच्चे को किसी कारखाने या खदान में काम करने के लिए प्रतिबंधित करता है आदि के वारे में विस्तार पूर्वक बताया व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सेवायें प्रदान की जाती है, यदि किसी प्रकार पीड़ित के अधिकारों का उल्लंघन होता है तो वह अपने शिकायती प्रार्थना-पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं व सम्बन्धित थाना में निःसंकोच केस दर्ज करा सकते हैं, एवं साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं से आह्नावान किया गया कि अपने आस-पास के परिवेश में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें, तथा स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें इसके अतिरिक्त छात्राओं के खिलाफ अपराध जैसे एसिड हमला, बलात्कार, अपहरण, दहेज उत्पीडन, एवं यौन उत्पीडन के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया एवं घर से विद्यालय आने जाने पर छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा की दृष्टि से हेल्मेट व शीट वेल्ट आदि यातायात नियमों का पालन करना चाहिए ताकि असमय होने वाली गम्भीर दुर्घटनाओं को रोका जा सके एवं अवयस्क छात्र-छत्राओं द्वारा किये गये विभिन्न प्रकार के अपराधों के मामले में विचारण हेतु भारतीय न्याय व्यवस्था के अधीन जनपद बदायूं में किशोर न्याय बोर्ड, का गठन किया गया है जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों को दण्ड स्वरूप बाल सुधार गृह बरेली में भेजा जाता है। एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के कार्यों आदि तथा निःशुल्क विधिक सहायता हेतु विधिक जानकारी दी गयी इसके अतिरिक्त उनके द्वारा स्त्री-पुरूष सामानता सम्बन्धित प्रावधानों एवं महिलाओं की सुरक्षा एवं कल्याण सम्बन्धित विधिक प्रावधानों को विस्तृत रूप में बताया गया। इसके अतिरिक्त दिनांक 10.05.2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर पर सुलह समझौते के आधार पर आप अपने वादों का निस्तारण करा सकते हैं, तथा सूक्ष्म एवं लघु प्रकृति के वादों को सम्बन्धित न्यायालय के निर्देशानुक्रम में जनपद न्यायालय परिसर में मध्यस्थता केन्द्र खुला हुआ है। उक्त मध्यस्थता केन्द्र के सदस्यों/अधिवक्ताओं द्वारा दोनों पक्षों को बिठाकर समझौता कराया जाता है, इसी क्रम में जनपद न्यायालय परिसर, बदायूं में स्थित ए0डी0आर0 भवन संचालित न्यायालय स्थायी लोक अदालत की प्रक्रिया एवं कार्यकलापों के बारे में जानकारी दी गयी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के टोल फ्री नम्बर 15100 पर भी कॉल कर विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं, उक्त कार्यक्रम का संचालन, परास्तनातक(अर्थशास्त्र), राम कुमार सरोज, द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं का स्टाफ एवं पराविधिक स्वयं सेवकगण, व पी एम श्री केन्द्रीय विद्यालय, शेखुुपुर, बदायूँ की प्रभारी प्राचार्या, संगीता सक्सेना, परास्तनातक (वाणिज्य), सिमरन गुप्ता, परास्तनातक (भौतिकी), श्यामला, परास्तनातक (कम्प्यूटर सांइस), कृष्णकान्त, परास्तनातक (इतिहास), राजेश कुमार आदि समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। इसके उपरान्त शिविर के अध्यक्ष की अनुमति से उक्त शिविर का समापन किया गया।
