*वनस्पति विज्ञान परिषद द्वारा पृथ्वी दिवस का आयोजन*
आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में वनस्पति विज्ञान परिषद के द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित कर पृथ्वी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ नरेन्द्र कुमार बतरा ने कहा कि ऑक्सीजन युक्त एकमात्र ग्रह पृथ्वी का अस्तित्व खतरे के निशान को छू रहा है। मानव की भौतिकतावादी जीवन शैली आने वाली पीढ़ी के लिए अभिशाप सिद्ध होगी। विभाग प्रभारी डॉ सरिता यादव ने कहा कि जल जंगल जमीन के अभाव में हजारों विलुप्त हुए जीव जंतु और वनस्पतियों की श्रेणी में मानव भी सम्मिलित हो जाएगा। वनस्पति विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रियंका सिंह ने कहा कि क्लाइमेट रिफ्यूजी बनने से पहले हम क्यों ना कंपनी रिफ्यूजी ही बन जाए। आईक्यूएसी की संयोजक डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि मानव समाज के लोग यदि आज से भी संभल गए और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर प्राकृतिक जीवन की ओर उन्मुख हो गए तो हमें पृथ्वी दिवस मनाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। डॉ गुप्ता ने कहा कि एक व्यक्ति अपने 70 वर्ष के काल में 65 वृक्षों के द्वारा उत्पादित ऑक्सीजन का उपभोग करता है किंतु शायद ही अपने जीवन में 65 वृक्ष लगाता हो। आवर पावर आवर प्लांट विषय पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सुरभि शर्मा ने प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर वंदना देवी रही तथा तीसरा स्थान संयुक्त रूप से आकांक्षा शर्मा एवं मुस्कान राणा को प्राप्त हुआ। विजेता प्रतिभागियों को मेडल पहनाकर एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। निर्णायक की भूमिका में डॉ हुकुम सिंह एवं डॉ सतीश सिंह यादव थे। गोष्ठी का संचालन अंजलि अग्रवाल ने किया।
इस अवसर पर डॉ संजीव राठौर, डॉ राकेश कुमार जायसवाल, इशरा,अनुकृति, रिया शर्मा, प्रिया शर्मा, रचना आदि उपस्थित थे।