एफडी में निवेश करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान देना चाहिए कि यदि किसी विशेष बैंक में सभी एफडी से होने वाला ब्याज इनकम 50000 रुपये से ज्यादा है तो बैंक स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) काट लेगा। फिलहाल टीडीएस की दर 10 फीसदी है। हालाँकि यदि कोई वरिष्ठ नागरिक अपना स्थायी खाता संख्या (पैन) नहीं देता है, तो टीडीएस की दर 20 फीसद है। एक राहत यह है कि यदि किसी वरिष्ठ नागरिक का ग्रॉस इनकम मूल छूट सीमा से अधिक नहीं है, तो वह बैंकों को फॉर्म 15एच जमा कर सकता है ताकि टीडीएस न काटा जाए।
आरबीआई द्वारा रेपो में बदलाव नहीं करने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि बैंक एफडी दरें बढ़ेंगी। आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक के बाद कई बैंकों ने अपनी एफडी दरें भी बढ़ा दी हैं। अभी भी कई निजी क्षेत्र के बैंक हैं जो तीन साल की अवधि के वरिष्ठ नागरिक सावधि जमा (एफडी) पर 8.1 फीसद तक ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं। ये ब्याज दरें 2 करोड़ रुपये से कम राशि की एफडी पर लागू हैं। वरिष्ठ नागरिक एफडी पर 8.1 फीसद तक की ब्याज दर की पेशकश करने वाले निजी क्षेत्र के बैंकों में डीसीबी, आरबीएल, इंडसइंड जैसे बैंक हैं।
डीसीबी बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 26 महीने से 37 महीने से कम अवधि के बीच मैच्योर होने वाली एफडी पर 8.1 फीसद की ब्याज दर प्रदान करता है। आरबीएल बैंक 24 महीने 1 दिन से 36 महीने के बीच मैच्योर होने वाली वरिष्ठ नागरिकों की एफडी पर 8 फीसद की ब्याज दर प्रदान करता है। इंडसइंड बैंक 2 साल 9 महीने से 3 साल 3 महीने के बीच मैच्योर होने वाली वरिष्ठ नागरिकों की एफडी पर 8 फीसद की ब्याज दर प्रदान करता है। आईडीएफसी बैंक वरिष्ठ नागरिकों की 2 साल 1 दिन से 3 साल के बीच मैच्योर होने वाली एफडी पर 7.75 फीसद की ब्याज दर प्रदान करता है और आईसीआईसीआई बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 2 साल 1 दिन से 3 साल के बीच मैच्योर होने वाली एफडी पर 7.5 फीसद की ब्याज दर प्रदान करता है।