Homeलखनऊतकनीक से ट्रांसफॉर्म होगी यूपी की खेती- कृषि मंत्री

तकनीक से ट्रांसफॉर्म होगी यूपी की खेती- कृषि मंत्री

लखनऊ में आयोजित की गई एग-टेक स्टार्ट-अप समिट-2024, कृषि क्षेत्र के नवाचारों पर जोर, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और श्रम मंत्री अनिल राजभर ने साझा किए विचार

लखनऊ। कृषि क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने और टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लखनऊ के होटल ताज में आयोजित एग-टेक स्टार्ट-अप समिट-2024 में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया।
समिट में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कृषि क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं जो राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। शाही ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है, और इसमें कृषि क्षेत्र का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एग-टैक पॉलिसी 2024 की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य कृषि में नवाचारों को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि भारत केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए कृषि का पावर हाउस है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 75 प्रतिशत तक कृषि योग्य भूमि है, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण ताकत है।
शाही ने किसानों के हितों पर जोर देते हुए कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक किसान को उसके उत्पादन की अधिकतम कीमत मिले। इसके लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने डिजिटल इंडिया के तहत कृषि क्षेत्र में डिजिटलकरण को प्राथमिकता देने की बात की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने डिजिटल कृषि के अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य परीक्षण, फार्म तथा फार्मर रजिस्ट्रेशन तथा वेदर गेज स्टेशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में टेक्नोलॉजी की संभावनाओं की पर भी जानकारी दी।
समिट में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आज के युग में टेक्नोलॉजी और डिजिटल नवाचार बेहद महत्वपूर्ण हो गए हैं और कृषि क्षेत्र को भी इस बदलाव से अछूता नहीं रहना चाहिए। राजभर ने किसानों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वे अपने उत्पादन का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कृषि में टेक्नोलॉजी और डिजिटलकरण के लाभों पर भी चर्चा की और कहा कि इससे किसानों को न केवल बेहतर उत्पादन मिलेगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। राजभर ने इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और उम्मीद जताई कि ये प्रयास किसानों की स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
समिट के दौरान मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एग-टेक स्टार्ट-अप समिट-2024 के अवसर पर विजन डॉक्यूमेंट लॉन्च किया। यह डॉक्यूमेंट कृषि क्षेत्र में नवाचारों और तकनीकी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भविष्य में कृषि के विकास के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश में एग-टेक स्टार्ट-अप समिट-2024 का उद्घाटन मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
इस उद्घाटन सत्र में कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने उद्घाटन भाषण दिया। इसके बाद, विश्व बैंक के विनायक घटाटे ने यूपी एग्रीज के माध्यम से नवाचारों को स्केलिंग अप करने पर जोर दिया। गूगल फॉर स्टार्टअप्स के हेड कार्तिक पद्मनाभन ने अपने संबोधन में नई तकनीकों के उपयोग पर बात की। गूगल के सिद्धार्थ प्रकाश व आईएफसी के विजयसेकर कालवाकोंडा ने उत्तर प्रदेश में कृषि नेटवर्क पर चर्चा की। आईएफसी की वेंडी वर्नर ने निजी क्षेत्र के समाधान और प्रभाव को लेकर अपने विचार साझा किए। इसके बाद एग्रीटैक स्केल अप पर वीडियो की शुरुआत की गई और उत्तर प्रदेश सरकार ने “एग्रीटैक के लिए दृष्टि दस्तावेज” का विमोचन किया गया।
सत्र में क्रॉप स्टैक को ओपन सोर्स बनाने और उत्तर प्रदेश में रिमोट-सेंसिंग आधारित फसल निगरानी पर चर्चा की गई। इसके बाद, एग्रीटेक के स्केलिंग अप पर अनुभव साझा किए गए। प्रभाव मूल्यांकन पर दीपा चक्रपानी ने प्रारंभिक मूल्यांकन की खोजें प्रस्तुत कीं, और भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद ने उत्तर प्रदेश एगटैक पर परिदृश्य मूल्यांकन और नीति सिफारिशें दीं।
सांध्यकालीन सत्र में डिजिटलाइजिंग एग्रीकल्चर के विषय पर हेमेन्द्र माथुर की अध्यक्षता में चर्चा की गई, जिसमें एग्री बाजार, आविष्कर ग्रुप, गूगल क्लाउड और विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लाइवस्टॉक और डेयरी के विकास पर भी एक सत्र आयोजित हुआ, जिसमें UP लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड और विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए।

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