Homeबदायूंधरती पर व्याप्त जल तंत्र की अनदेखी घातक: सीमा चौहान

धरती पर व्याप्त जल तंत्र की अनदेखी घातक: सीमा चौहान

बदायूं। गत दिवस गंगासमग्र की जनपदीय बैठक सीमा चौहान सहसंयोजक ब्रज प्रांत गंगा समग्र के आवास पर सम्पन्न हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय मंत्री अवधेश एवं गंगा भाग प्रमुख अशोक तोमर ने गंगा और सहायक नदियों के बारे में विस्तृत चर्चा की।
अवधेश ने कहा कि जल के लिए चिंता व चिंतन करना एक दिन का कार्य नहीं है, यह एक अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है। हमारे देखते-देखते जिस तरह कुए, तालाब, झील और हर जिले में बहने वाली सहायक नदियाँ विलुप्त हो रहीं हैं, वह समस्त प्राणीमात्र के जीवन को भी कम करती जा रही हैं। लगातार वृक्षों का कटान हमारी जीवन शैली को प्रभावित कर रहा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए गंगासमग्र ने अपनी पंद्रह आयाम में गंगा घाट प्रमुख, तीर्थ पुरोहित प्रमुख, आरती प्रमुख, गंगा सेविका, गंगावाहिनी संचार तालाब प्रमुख, शिक्षण, विधि, सहायक नदी प्रमुख, वृक्षारोपण प्रमुख, पर्व आयाम प्रमुख, जैविक खेती प्रमुख आयाम की टीम गठित कर सुनियोजित रूप से कार्य करने की योजना बनाई है। इन कार्यों में समाज तथा प्रशासन की भी मदद ली जाएगी। विधि आयाम प्रमुख कानून के तहत नदी तालाब पर किए गये अतिक्रमण को हटाने के लिए कानूनी कार्यवाही करेंगे। शिक्षक प्रमुख विद्यालय के माध्यम से समाज की युवा पीढ़ी को जलस्रोतों की जानकारी देंगे और निबंध, कला, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि सम्पन्न करायेंगे। सीमाचौहान ने बदायूं में 12 मई को होने वाले प्रांतीय अभ्यास वर्ग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के स्थान चयन व व्यवस्था पर भी व्यापक चर्चा हुई।
बैठक में जिला संयोजक ज्ञानेन्द्र सिंह ने गंगा समग्र की बेबसाइट बनाकर सोशल साइट्स पर गंगा समग्र के कार्य समाज तक पहुंच सके इसकी विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में पूनम सिंह, वीरबाला, करुणेश, अलका सागर, पिंकी वार्ष्णेय, सपना, तनुजा, जगमोहन, रुपकिशोर, शैलेन्द्र, वीरेश, संध्या सिंह, नीलम आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। अतिथि के रूप में अलका सिंह रहीं। सभी नें गंगा समग्र के साथ कार्य कर गंगा की अविरल निर्मल धारा की सेवा व स्वच्छता का संकल्प लिया।

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