Homeबदायूंअंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी विरोध दिवस मनाया गया

अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी विरोध दिवस मनाया गया

बदायूं। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (यू.एस.) नई दिल्ली के सहयोग से संचालित प्रोजेक्ट “न्याय तक पहुंच” के अंतर्गत आयोजक संस्था काशी समाज शिक्षा विकास संस्थान बदायूं ने अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी विरोध दिवस का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया, जिसमें सहायक श्रमायुक्त अजीत कुमार कनौजिया द्वारा मां सरस्वती पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि 30 जुलाई को प्रत्येक वर्ष हम अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी विरोध दिवस के रूप में मनाते हैं जो लोग हमारे देश में मानव तस्करी करते हैं तथा मानव को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना व बेचना उनसे भीख मंगवाना, चोरी कराना, शोषण कराना आदि काम करते हैं, इससे बचाव के लिए हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1090, 1098, 112 जारी किए गए हैं जिन पर कॉल करके मानव तस्करी को रोकने में मदद करें।
इसी क्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि मानव तस्करी में सबसे ज्यादा बच्चों की तस्करी की जाती है जो कि पूर्णतया अवैध व्यापार है, वहीं भारत की प्रमुख समस्याओं में से ये भी एक है। हम सब लोग बाल विवाह, बालश्रम, बाल यौन शोषण, बाल तस्करी को रोके जाने के प्रयासों पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा 2012 में पॉक्सो एक्ट बनाया जो कि बहुत संवेदनशील है और इस एक्ट से ऐसे घृणित अपराधों को रोकने में मदद मिलती है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि उपरोक्त सभी कार्य एक सामाजिक बुराई के दायरे में आते हैं, इससे हम सिर्फ कानून के दायरे से खत्म नहीं कर सकते बल्कि इसे हमें जागरूकता के माध्यम से दूर करने का भी प्रयास करना होगा। इसके हमारे देश में नशा कई तरह का है, जिसमें तंबाकू का तो ऐसा नशा है जो अधिकतर लोगों द्वारा लिया जाता है। हमें अपने बच्चों पर विशेष ध्यान देना है कि वे ऐसी नशीले पदार्थों से दूर रहें और और हमें अपने आस पड़ोस के लोगों को भी जागरूक करना होगा।
इसी क्रम में आरपीएफ के उपनिरीक्षक भीमराज ने बताया कि मानव तस्करी बहुत ही जघन्य अपराध है और बाल तस्करी भारत में एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। गरीबी, अशिक्षा, बंधुआ मजदूरी, देह व्यापार, सामाजिक असमानता, महानगरों में घरेलू कार्यों के लिए लड़कियों की तस्करी आदि ऐसे अपराध है जिनके माध्यम से गरीब परिवारों के बच्चों से उनका बचपन छीन जाता है। हमें ईमानदारी व समझदारी से काम करना चाहिए। बाल श्रम के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। बच्चे नशा करने लगते हैं। कहा कि अगर कोई भी बच्चा बाल श्रम करता मिलता है तो हेल्प लाइन टोल फ्री नंबर 112 पर कॉल करें।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से उपनिरीक्षक अवधेश कुमार ने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 लड़के की उम्र 21 में होना चाहिए। वहीं नाबालिग लड़की की विवाह कर देने से उसकी शिक्षा अधूरी रह जाती है जिससे उसका भविष्य तो अंधकारमय हो जाता हैं साथ ही उसके जीवन में तमाम समस्याएं भी आती हैं। इन सब अपराधों का सबसे प्रमुख कारण गरीबी है। हमारे देश में भारी आर्थिक विषमता है, भारत में आधी से अधिक आबादी गरीबी का शिकार हैं।
बाल संरक्षण अधिकारी रवि कुमार द्वारा बताया गया कि आज के दिन को हम अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी विरोध दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिवस का मनाने का सही उद्देश्य है कि हम सब जागरुक हों और यह विचार करें कि तस्करी से बच्चों को कैसे सुरक्षित रखा जाए और उनका भविष्य उज्जवल कैसे हो। इसके लिए हम सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना होगा, तभी बच्चों का भविष्य अंधकार से हट कर उजाले की तरफ होगा। इसी के साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं जैसे स्पॉन्सरशिप योजना, कन्या सुमंगला योजना, बाल सेवा योजना आदि की विस्तार से जानकारी दी।
इसी क्रम नशा मुक्ति केंद्र जिला अस्पताल के परामर्शदाता गौरव शंखधार द्वारा बताया गया कि सभी लोग यह देखें कि उनके आसपास कोई बच्चा किसी भी प्रकार का नशा करता है तो टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1098, 112 पर कॉल कर बताएं।
काशी समाज शिक्षा विकास संस्था की सचिव मीना सिंह द्वारा बताया गया कि संस्था 05 विकास खंडों की 50 ग्राम पंचायतों में गत वर्ष 2023 से पांच मुद्दों बाल विवाह, बालश्रम, बाल तस्करी, यौन शोषण व बाल विवाह मुक्त भारत पर कार्य कर रही है। संस्था ने वर्ष 2023-2024 में ग्राम पंचायत के सहयोग से 50 ग्राम बाल विवाह मुक्त घोषित किए जा चुके हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!
Exit mobile version