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आज भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर रहा है : डॉ तूलिका रानी

अंतरिक्ष मानव के लिए एक रहस्यमय और आकर्षक विषय :स्वरूप मंडल

लखनऊ। केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर केंद्रीय विद्यालय, गोमतीनगर, लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का सफल समापन हुआ। इस दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों और आम जनमानस को अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आंचलिक विज्ञाननगरी, लखनऊ के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर स्वरूप मंडल ने अपनी उत्कृष्ट सेवा से देश का नाम रोशन करने के लिए युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि अंतरिक्ष हमारे अस्तित्व के लिए एक अभिन्न अंग है और हमेशा से यह मानव के लिए एक रहस्यमय और आकर्षक विषय बना रहा है। श्री स्वरूप मंडल ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान व परिश्रम से हम आत्मनिर्भर होने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
पूर्व भारतीय वायु सेना अधिकारी, पर्वतारोही, उत्तर प्रदेश से माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण करने वाली प्रथम महिला स्क्वाड्रन लीडर (डॉ) तूलिका रानी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों की अंतरिक्ष में सफलताओं के कारण इसरो दुनिया भर के लिए एक कामयाब संस्था बन कर उभरी है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में अंतरिक्ष विज्ञान की शुरुआत बहुत कम खर्च में हुई थी। डॉ तूलिका ने कहा कि इसरो को साइकिल पर रॉकेट के पार्ट्स लाने पड़ते थे लेकिन आज भारत अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर रहा है।
केंद्रीय संचार ब्यूरो के निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने समापन समारोह के संबोधन में कहा कि भारत 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा और इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बन गया। उन्होंंने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” के रूप में घोषित किया था और इसी क्रम में केंद्रीय संचार ब्यूरो के द्वारा यह चित्र प्रदर्शनी लगाई है।
समाजसेवी दुर्गेश त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक अपने लक्ष्य की प्राप्ति न हो, तब तक निरंतर प्रयास करना चाहिए।उन्होंने कहा कि सुनियोजित ढंग से परिश्रम करने वालों को सफलता मिल ही जाती है। दो दिवसीय कार्यक्रम में जादू एवं कठपुतली के माध्यम से भी विद्यार्थियों एवं जनमानस को अंतरिक्ष के विषय मे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दोनों दिवसों में मंच का संचालन सफलतापूर्वक राजेंद्र विश्वकर्मा हरिहर द्वारा किया गया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की इस दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन में लक्ष्मण शर्मा, जय सिंह, प्रेम सिंह नेगी, जितेंद्र पाल सिंह, देवराज और रविन्द्र शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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