शिक्षक के अपमान और शोषण जारी रहने से कोई राष्ट्र कैसे प्रगति कर सकता है? -विजय कुमार बन्धु, एनपीएस/यूपीएस के खिलाफ रेलवे सहित शिक्षकों कर्मचारियों में भारी गुस्सा
लखनऊ। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञ ने बताया कि नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के आह्वान पर देश के विभिन्न प्रान्तों में शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी बांध कर एनपीएस /यूपीएस के खिलाफ तीसरे दिन भी अनवरत जारी रहा। इसके खिलाफ शिक्षकों कर्मचारियो में भारी गुस्सा देखा जा रहा है। यह अभियान कन्याकुमारी से कश्मीर तक अटक से कटक तक सभी विभागों में लगातार जारी है।
डॉक्टर व नर्स मरीज की सेवा करते हुए, शिक्षक कक्षा में पढाते हुए, कर्मचारी ऑफिस में अपने दायित्व को निभाते हुए कालाफीता बांधकर अपने हक की आवाज को उठा रहा है। रेल विभाग में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं एनपीएस यूपीएस मुर्दाबाद के नारे लग रहे हैं। चन्द लोगों की चापलूसी से करोड़ा नौजवानों को भविष्य अंधकार में हो रहा है इसको लेकर भी रेल कर्मचारियों में बहुत ज्यादा गुस्सा है।
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी ने जब से UPS की घोषणा की है तब से देश के शिक्षकों व कर्मचारियों में OPS बहाली के लिये एकजुटता और बढ़ रही है ।
देश के कोने कोने से सूचनाएं आ रही है कि NMOPS के आह्वान पर चाहे शिक्षक हो या फिर वो जेलकर्मी हो या फिर स्वास्थ्य कर्मी सभी सरकारी कर्मचारी सरकार से UPS व NPS समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे है। जिससे NMOPS द्वारा चलाया जा रहा अभियान मजबूती से लगातार आगे बढ़ रहा है। साल के 1 दिन ( शिक्षक दिवस 5 सितम्बर ) सरकार शिक्षकों की तारीफ करेंगी, बधाइयां देगी बाकी 364 दिन उसका शोषण और परेशान किया जाएगा।
जब तक शिक्षक का अपमान व शोषण जारी रहेगा तो कैसे कोई राष्ट्र आगे बढ़ेगा? शिक्षक दिवस के दिन यदि राष्ट्रनिर्माता शिक्षक कालाफीता बाध कर करके विरोध कर रहा है तो इससे दुखद इस देश के लिए क्या हो सकता है ? इससे यही समझा जाए कि सरकार की संवेदनाएं मर गई है।
शिक्षक अपनी बुढ़ापे की लाठी के लिए हर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहता है किंतु सरकार है कि सुनने को तैयार नहीं हो रही इसलिए देशभर में आंदोलन बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय सचिव डॉ0 नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि लगातार कर्मचारियों व शिक्षकों की बढ़ती हुई संख्या से यह आंदोलन दिन पर दिन और मजबूत हो रहा है। आंदोलन की मजबूती से सिद्ध होता है कि अब पुरानी पेंशन बहाली को बहुत दिन नही रोका जा सकता है।