मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग और कॉलेज ऑफ कम्प्यूटिंग साइंसेज एंड आईटी के मेधावी स्टुडेंट्स और फैकल्टीज़ ने इन्नोवेटिव आइडियाज़ के लिए फिर से कमर कस ली है। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन-2024 के ग्रांड फिनाले में इन्नोवेटिव आइडियाज़ देने वाले विजेताओं को शिक्षा मंत्रालय की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। द्वितीय चरण के बाद ही फाइनल के लिए टीमों का चयन होगा। प्रत्येक टीम में अधिकतम छह स्टुडेंट्स होंगे, जिसमें 01 छात्रा का होना अनिवार्य है। उल्लेखनीय है, केंद्र सरकार की 171 सॉफ्टवेयर, जबकि 68 हार्डवेयर की दुश्वारियों के स्थाई समाधान के लिए यह अखिल भारतीय मुकाबले होेने जा रहा है। इसके लिए प्रथम चरण में सॉफ्टवेयर की 09 और हार्डवेयर की 09 यानी कुल 18 टीमें प्रतिभाग कर रही हैं। तीन दर्जन मेंटर्स की लीडरशिप में टीएमयू के 108 स्टुडेंट्स 07 सितंबर को प्रेजेंटेशन देंगे।
एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन कहते हैं, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन प्रतियोगिता क्रिएशन और इन्नोवेशन की संस्कृति का उत्कृष्ट संगम है। श्री जैन बोले, भारतीय नवाचार परिषद- आईआईसी, एआईसीटीई, एमआईसी और मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की यह शानदार पहल है। टीएमयू 2020 की हैकाथॉन प्रतियोगिता के राष्ट्रीय फ्रेम में अपनी दमदार मेधा दिखा चुका है। एक संस्था से दो टीमों का जीतना किसी अनूठी उपलब्धि से कम नहीं होता है। उन्होंने उम्मीद जताई, हमारे स्टुडेंट्स एक बार फिर शिखर को छुएंगे। एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया, प्रेजेंटेशन के वक्त वीसी प्रो. वीके जैन की उल्लेखनीय मौजूदगी रहेगी।
देश भर में स्टुडेंट्स की सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर मेधा को परखने के लिए 2017 से प्रारम्भ स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी लगातार शामिल हो रही है। कोविड-19 के चलते 2021 में हैकाथॉन के स्थान पर ट्वायकाथॉन प्रतियोगिता की गई थी। उल्लेखनीय है, तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी को ट्वायकाथॉन प्रतियोगिता का नोडल सेंटर बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। 2020 को स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन-2020 के घोषित हुए परिणाम में एफओईसीएस की टेकहैकर्स और टेक्नोहैकर की टीमों को विजेता घोषित किया गया। टेकहैकर्स की टीम एयरपोर्ट आथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से दी गई प्रॉब्लम स्टेटमेंट पर काम किया और दूसरी टीम टैक्नोहैकर ने कृषि मंत्रालय, बिहार सरकार की ओर से दी गई प्रॉब्लम पर कार्य किया। इन दोनों विजेता टीमों ने एक-एक लाख रुपए की धनराशि बतौर पुरस्कार प्राप्त की थी।