सहकारी समितियों पर उपलब्ध है डीएपी, एनपीके व एपीएस
बदायूं। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता महेन्द्र सिंह ने अवगत कराया कि जिलाधिकारी द्वारा रबी अभियान में किसानों को भरपूर मात्रा में फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु निरन्तर समीक्षा करते हुये महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये जा रहे है। जिलाधिकारी द्वारा कृषक हित में शासन से 01 रैक डी०ए०पी० की माँग की गयी है, जिसके माह अक्टूबर के अन्त तक आने की संभावना है। जनपद में फास्फेटिक उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता ने बताया कि किसानों को उनकी माँग के अनुसार फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु पी०सी०एफ० बफर में भण्डारित प्रीपोजीशनिंग डी०ए०पी० व एन०पी०के० का संभार अवमुक्त कर दिया गया है, जिसमें 377 मै०टन डी०ए०पी० का संभार समितियों पर प्रेषित हो चुका है। शेष का पी०सी०एफ० द्वारा लगातार बी-पैक्स को प्रेषण किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सहकारी समितियों पर ए०पी०एस० 20ः20ः0ः13 भी उपलब्ध है जोकि फास्फेटिक उर्वरकों की श्रेणी में आती है।
उन्होंने बताया कि बफर गोदाम में भण्डारित 1500 मै० टन ए०पी०एस० 20ः20ः0ः13 का भी प्रेषण समितियों की मांग के अनुसार प्रतिदिन कराया जा रहा है। कृषक अपनी आवश्यकता के अनुरूप सहकारी समिति पर पहुँचकर एन०पी०एस० 20ः20ः0ः13 एवं डी०ए०पी० (फास्फेटिक) प्राप्त कर सकते हैं। बी-पैक्स पर नैनो डी०ए०पी० भी उपलब्ध है, जो डी०ए०पी० का अच्छा विकल्प है। कृषक यदि चाहें तो अपनी स्वैच्छानुसार नैनो डी०ए०पी० का भी प्रयोग कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। कृषक धैर्यपूर्वक सहकारी समितियों से उर्वरक प्राप्त करें। जनपद में फास्फेटिक उर्वरक की कोई कमी नहीं है।