तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च- नीटर, चंडीगढ़ के कॉलाबोरेशन में ट्रांसफॉर्मेटिव टीचिंगः इंबरेसिंग आउटकम बेस्ड एजुकेशन-ओबीई फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस पर हुई पांच दिनी एफडीपी
मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च- नीटर, चंडीगढ़ के कॉलाबोरेशन में ट्रांसफॉर्मेटिव टीचिंगः इंबरेसिंग आउटकम बेस्ड एजुकेशन-ओबीई फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस पर पांच दिनी एफडीपी हुई। एफडीपी में नीटर के करीकुलम डपलपमेंट सेंटर से जाने-माने शिक्षाविदों ने टीएमयू फैकल्टीज़ को एनईपी-2020 के उद्देश्यों को प्राप्त करने और आउटकम बेस्ट एजुकेशन को प्रभावी ढ़ग से लागू करने के लिए फैकल्टीज़ को आवश्यक ज्ञान, कौशल और पद्धतियों के विकास को विस्तार से समझाया। टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन ने बतौर मुख्य अतिथि कहा, स्टुडेंट्स का असेसमेंट ब्लूम टेक्सटोनॉमी के सिद्धान्तों को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। उन्होंने आउटकम बेस्ड एजुकेशन के महत्व पर गहनता से प्रकाश डाला। एफडीपी में यूनिवर्सिटी की 40 फैकल्टीज़ ने प्रतिभाग किया।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च- एनआईटीटीटीआर की डॉ. मीनाक्षी सूद ने कहा, आउटकम बेस्ड एजुकेशन का उद्देश्य छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर देना है, जिससे वे वर्तमान की इंडस्ट्री और एकेडमिक जरूरतों के हिसाब से अपने आप को तैयार कर सकें। डॉ.सूद ने स्टुडेंट्स के समग्र विकास के लिए पाठयक्रम में कॉग्नेटिव, साइकोमोटर और अफेक्टिव डोमेन को बेहतर तरीके से समावेशित करने पर बल दिया। डॉ. एसके गुप्ता ने प्रभावी पाठ्यक्रम बनाने में विभिन्न स्टेक होल्डर्स- टीचर्स, मैनेजमेंट, पैरेंट्स, इंडस्ट्री के इनपुट काफी प्रभावी होते हैं। प्रो. पीएस ग्रोवर ने छात्रों के समग्र विकास में अफेक्टिव डोमेन के महत्व को बताया। उन्होंने कोर्स आउटकम्स को ध्यान में रखते हुए क्वेश्चन पेपर को डिजाइन करने पर जोर दिया, जिससे प्रोग्राम आउटकम्स को अचीव किया जा सके। इंजीनियर पीके सिंगला ने कहा, टेबल ऑफ स्पेशिफिकेशन की मदद से शिक्षक टॉपिक की महत्ता के मुताबिक कक्षा में अपने समय का निर्धारण कर सकता है। साथ ही इससे स्टुडेंट्स के प्रभावी, निष्पक्ष और विश्वसनीय मूल्यांकन में मदद मिलती है। डॉ. बलविंदर सिंह ने कोर्स अटेनमेंट की कैलकुलेशन को प्रोग्राम आउटकम्स के साथ मैप करके प्रोग्राम अटेनमेंट प्राप्त करने के बारे में गहनता से बताया। प्रो. मैत्रेयी दत्ता ने आईटी टूल्स- चैट जीपीटी, चैट पीडीएफ, गामा एप, क्विजेंज़ एंड रिसर्च रैबिट जैसे सॉफ्टवेयर्स को यूज करके टीचिंग एंड रिसर्च स्किल को प्रभावी बनाने पर जोर दिया। अंतिम दिन इस एफडीपी का ट्रेनिंग असेसमेंट हुआ। एफडीपी में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को वीसी प्रो. वीके जैन ने सर्टिफिकेट्स देकर सम्मानित किया। एफडीपी के दौरान प्रो. अमित कंसल, डॉ. नेहा आनन्द, डॉ. वरुण सिंह आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रही।