Homeमुरादाबादध्वजारोहण के संग टीएमयू में दशलक्षण महापर्व का शंखनाद

ध्वजारोहण के संग टीएमयू में दशलक्षण महापर्व का शंखनाद

श्रीजी की दिव्यघोष के बीच निकली भव्य पालकी यात्रा, रिद्धि-सिद्धि भवन में हुआ समोवशरण, ईडी अक्षत जैन को रजत धारी से शांतिधारा का मिला सौभाग्य, प्रथम स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य वर्द्धमान जैन को मिला, उत्तम क्षमा के दिन पांच सौ से अधिक कलशों से हुआ श्रीजी का अभिषेक, श्रीजी को पालकी में विराजमान करने का सौभाग्य अंकित जैन को हुआ प्राप्त, प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ जैन ने उत्तम क्षमा दिवस पर उत्तम क्षमा का भाव रखने का किया आग्रह

मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कुलाधिपति सुरेश जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति में पर्वाधिराज दसलक्षण महामहोत्सव के प्रथम दिवस- उत्तम क्षमा के अवसर पर जिनालय पर ध्वजारोहण से दशलक्षण महापर्व का शंखनाद किया। ध्वजारोहण के दौरान विधि-विधान की प्रक्रिया प्रतिष्ठाचार्य ऋषभ जैन शास्त्री जी के सानिध्य में हुई। सुबह सात बजे श्रीजी को पालकी में विराजमान करने का सौभाग्य अंकित जैन को प्राप्त हुआ। दिव्यघोष के बीच श्रीजी को मंदिर से रिद्धि-सिद्धि भवन तक लाया गया, जिसमें श्रावक-श्राविकाओं नृत्य आदि में मंत्र-मुग्ध हो गए। श्रीजी का समोवशरण रिद्धि-सिद्धि भवन में किया गया। पालकी को उठाने का सौभाग्य सर्वज्ञ जैन, मनीष जैन, वर्तमान जैन, श्रेयांस जैन को मिला। दिव्यघोष के दौरान श्रावक केसरिया धोती-दुपट्टा पहने थे, जबकि श्राविकाएं केसरिया कुर्ता- सफेद सलवार, नारंगी चुनरी के संग पहनी थी, जबकि कुलाधिपति, जीवीसी और ईडी परम्परागत परिधान धारण किए हुए थे। इनकी भव्यता देखते ही बनती थी। पालकी यात्रा के दौरान कुलाधिपति सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, श्रीमती ऋचा जैन के संग-संग समस्त टीएमयू जैन परिवार भी शामिल था। रिद्धि-सिद्धि भवन में भोपाल की सिद्धार्थ जैन एंड पार्टी ने आस्थामय भजन सुनाकर माहौल भक्तिमय कर दिया।


स्वर्ण कलश से प्रथम शांतिधारा का सौभाग्य कृष जैन, हर्ष मोदी, अनंत जैन, कृष्णा जैन, सम्यक जैन, साहिल जैन, हर्ष जैन, चांदी की जारी से द्वितीय शांति धारा का सौभाग्य अक्षत जैन और कुलाधिपति परिवार को मिला, जबकि प्रथम स्वर्ण कलश से वर्द्धमान जैन, द्वितीय स्वर्ण कलश से सुयांश जैन, तृतीय स्वर्ण कलश से मनीष सरावगी जैन, चतुर्थ स्वर्ण कलश से सर्वज्ञ जैन को अभिषेक करने का सौभाग्य मिला। करीब 500 से अधिक छात्रों ने कलशों से अभिषेक किया। उत्तम क्षमा पर स्वर्ण झारी और चांदी की झारी से शांति धारा ब्रह्मचारिणी दीदी कल्पना जैन ने कराई। साथ ही अष्ट प्रातिहार्य को लेकर शाचि जैन,ऋषिका जैन, इशिका जैन,अनुष्का जैन,पलक जैन, रहेशा जैन,समीक्षा जैन, श्रवणी जैन अष्ट कन्याओं को अवसर प्राप्त हुआ। सम्मेद शिखर से आए पंडित ऋषभ जैन ने शुद्धिकरण कराकर विधि-विधान से पूजा आरम्भ कराई। पंडित जी ने मंगलाचरण से शुरूआत कर सर्वप्रथम श्रावक और श्राविकाओं की थाली में स्वास्तिक बनवाया। इसके बाद दाहिने हाथ में जल लेकर चारों दिशाओं की शुद्धि करवाई। उत्तम क्षमा को समुच्चय पूजन, सोलहकारण पूजन, पंचमेरु पूजन, दशलक्षण पूजा विधि विधान से कराई गई। तत्वार्थ सूत्र का वाचन वीसी प्रो. वीके जैन ने किया। इस अवसर पर प्रतिष्ठाचार्य ने उत्तम क्षमा पर श्रावक और श्राविकाओं से उत्तम क्षमा के भाव रखने के संग – संग इन दस दिनों के लिए नित्य नियम भी बताए। टीएमयू ऑडिटोरियम के मंच पर कल्चरल प्रोगाम के तहत की शाम को सीसीएसआईटी के छात्र-छात्राओं की ओर से रविवार की शाम को कुंडलपुर का अद्भुत इतिहास की प्रस्तुति होगी।
भोपाल से आई सिद्धार्थ जैन एंड पार्टी के भजनों पर रिद्धि-सिद्धि भवन झूम उठा। संगीतकार श्री सिद्धार्थ जैन और उनके साथियों ने भजन-वंदन है चंदन है…, महावीर की जैनवाणी…, कलशा ढालो रे, सागर की लहरों से…, चरणों की छांव में बनाये रखना…, मुक्ति का कोई मार्ग दिखाओ.., भक्ति में झूमे नाचे, मेरे टीएमयू के महावीर तेरे दीवाने आए हैं…, के संग-संग बुंदेलखंडी गीत- कैसे भरे मेरे आये हए रे…, अरे कलशा ढराओं मेरे वीरा पे…, पत्थर की प्रतिमा प्यारी पूजा करे नर नारी…, जय महावीर चले, चले महावीर चले…, तेरा होगा बड़ा अहसान तेरे द्वार खड़ा भगवान…, तेरा करता रहूं गुणगान…, भगवान तुम्हारे चरणों में…, ज्ञान का दिया जला दो प्रभु, कर्मों की है लीला न्यारी, कभी ये हंसाये कभी ये रुलाए.., भावों की रिमझिम रिमझिम, सीढ़ी सीढ़ी चढ़ जाने से, जब से गुरु दर्श मिला मेरी तो पतंग उड़ गई है, तुमसे बढ़कर दुनिया में न देखा कोई… सरीखे भजनों के सागर में श्रावक- श्राविकाओं को बार-बार डुबकी लगवाई। रिद्धि-सिद्धि भवन में डॉ. करुणा जैन, प्रो. एके जैन, प्रो. आरके जैन, विपिन जैन, डॉ. अर्चना जैन, डॉ. विनीता जैन, डॉ. नम्रता जैन, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन, आदित्य जैन, डॉ. अक्षय जैन, श्रीमती अहिंसा जैन, श्रीमती शालिनी जैन, श्रीमती ऋतु जैन, डॉ. विनीत जैन, श्रीमती आरती जैन आदि के संग-संग सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की भी गरिमामयी मौजूदगी रही।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!
Exit mobile version