कुर्मांचल नगर में रामलीला देखने को उमड़ा जन समूह
लखनऊ। कुर्मांचल रामलीला समित के तत्वावधान में वर्षों से आयोजित की जा रही राम लीला इस वर्ष भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। 8 तारीख से प्रारंभ हुई भगवान श्री राम के चरित्र का मंचन इस बार डिजिटली तरीके से भी आयोजित किया गया।
पंडाल में भारी जमावड़ा के बीच आज श्री राम और केवट का संवाद प्रारंभ हुआ। भगवान श्री राम भाई लक्ष्मण माता सीता के साथ वन में विचरण करते हुए जब गंगा तट के पास पहुंचे और गंगा नदी को पार करने के समय का चित्रण इतनी खूबसूरती से किया गया कि लोग झूमने लगे।
मंचन में भगवान राम से केवट की मुलाकात होती है और गंगा पार करने के लिये प्रभु केवट से कहते हैं। तब केवट और राम का बहुत ही सुंदर संवाद होता है। जिसके संदर्भ में गया गया गीत सुनकर लोग भाव विभोर हो जाते है और कई लोगों की आँखें भी नम हो जाती हैं।
मंचन में केवट प्रभु से कहता है कि हे प्रभु आप लोगों को जग से पार लगाते है और मैं लोगों को नदी पार कराता हूँ। मैं अवश्य ही आपको नदी पार कराऊंगा। लेकिन इसके लिए नाव पर चढ़ने से पहले आपके पहले चरण धोने होंगे। तब भगवान थोड़ा असहज से हुए बस इसी बात पार केवट ने कहा कि प्रभु मैंने सुना है की आपके चरण पढ़ते ही एक शिला जीवित हो गई थी। इसलिए प्रभु मैं इस नाव पार आपको तभी बिठा सकता हूँ जब मैं आपके चरण गंगा जल से धो लूँगा।
त्रिलोकीनाथ जो सब समझ रहे थे वह भी एक अंजान रूप में बोले इससे क्या होगा केवट महाराज? तब केवट ने बहुत बोला प्रभु मैं बहुत गरीब हूँ और ये नाव ही मेरा सहारा है जिससे मैं प्रतिदिन लोगों को गंगा पार कराता हूँ तभी अपने परिवार का पालन कर करता हूँ। यदि आप के चरण पड़ते ही ये नाव भी बदल गई तो मेरा क्या होगा।
इस राम और केवट के संवाद को लोगों ने बड़ी उत्सुकता से श्रवण किया। इस बीच कई महिलाओं की यदि बात की जाए तो लगभग सभी महिलाओं के आंखों में आंसू झलक आते हैं। इस मार्मिक चित्रण का बहुत उत्तम स्टेज मंचन किया गया।आज के दृश्य में राम का की भूमिका में देव भंडारी, लक्ष्मण का पार्ट ओजस श्रीवास्तव, दीपा पाण्डेय सीता और नवीन चौधरी ने केवट की भूमिका निभाकर सर्वश्रेठ प्रदर्शन किया।